Teachers’ Day: जानिये ट्रीमैन शिक्षक राजेश सुमन के बारे में, फीस के बदले बच्चों से लेते हैं 18 पौधे

शिक्षक राजेश सुमन का नाम इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनकी तारीफ़ की है। राजेश सुमन बच्चो को पढ़ाने का काम करते हैं। वे बच्चों से पढ़ाई की फीस नहीं लेते बल्कि फीस के बदले 18 पौधे लेते हैं। इन्हें बिहार का ट्रीमैन या ऑक्सीजन मैन भी कहा जाता है। उनका मिशन पढ़ाई-लिखाई के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी है। इसलिए वे अपने छात्रों से फीस के बदले पौधे लेते हैं, और फिर उसे तत्काल रोप देते हैं, ताकि हरियाली कायम रहे।

ट्रीमैन शिक्षक राजेश सुमन
ohoto source-rajeshkumarsuman facebook

बिल्कुल निशुल्क कोचिंग सन्चालन करते हैं राजेश कुमार

राजेश कुमार बिल्कुल निशुल्क कोचिंग का सन्चालन करते हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। फीस के रूप में वे छात्रों से सिर्फ 18 पौधे लेते हैं। छात्र भी खुशी-खुशी यह गुरुदक्षिणा दे दिया करते हैं। राजेश सुमन ने यह काम पौधारोपण के मिशन को आगे बढ़ाने के उद्येश्य से प्रारम्भ किया है।

ट्रीमैन शिक्षक राजेश सुमन
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इतना ही नहीं, राजेश सुमन बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में जाते हैं और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरुक करने का काम करते हैं। अब तक में उन्होंने एक लाख दस हजार पौधे विभिन्न इलाकों मे लगाये हैं। बता दें कि राजेश सुमन समस्तीपुर जिले के रोसड़ा थाना क्षेत्र के ढरहा गांव के कुशवाहा टोल के रहनेवाले हैं। वे बीएसएस क्लब के नाम से ग्रीन पाठशाला चलाते हैं।

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राजेश सुमन की उम्र अभी 33 साल है, वे 2008 से ही कोचिंग (ग्रीन पाठशाला) चला रहे हैं। यह कोचिंग रोसड़ा में है, जहां छात्रों को पढ़ाई-लिखाई में सहायता करने के लिए शिक्षित वालंटियर की मदद ली जाती है। छात्र इन्हें प्रेम से पौधावाले गुरुजी भी बुलाते हैं। उन्होने बताया कि अपने मामा की याद में उन्होने ग्रीन पाठशाला बीएसएस क्लब की स्थापना की। उन्होंने बताया कि उनके मामा हमेशा गरीबों की सेवा करने के लिए प्रेरित करते थे

18 पौधे लेने के पीछे ये है वजह

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शिक्षक राजेश सुमन बच्चो से 18 पौधे ही क्यों लेते हैं, इसके पीछे भी एक खास वजह है। राजेश वैज्ञानिक कारण बताते हुए कहते हैं कि कोई व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी में इतना ऑक्सीजन लेता है, जितना 18 पौधे पैदा करते हैं। इसलिए वे एक छात्र से 18 पौधे लेते हैं। साल 2008 से अब तक मे उनके द्वारा लगभग पांच हजार छात्रों को कोचिंग की सुविधा दी गयी है।

Manish Kumar

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