आरा-पटना फोरलेन पर लगी बच्‍चों की क्‍लास, जानिए पूरा मामला

आरा-पटना फोरलेन सड़क पर मंगलवार को बच्चो की कक्षा लगी, जिसके कारण अब्दुलबारी पुल से उत्तर बने नए सिक्सलेन पुल के पश्चिमी छोर के संपर्क मार्ग के एनएच 30 पर जाम की स्थिति हो गई और पूरे दिन वाहनों का आना-जाना बाधित रहा। देर रात जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों द्वारा आशवासन देने के बाद आंदोलन को वापस लिया गया।

फोरलेन निर्माण के दौरान ढहा दिया गया विद्यालय

पूरा मामला यह है कि भोजपुर जिले के कोईलवर में 66 वर्ष पुराने चर्चित व प्रतिष्ठित स्थानीय तारामणि भगवान साव विद्यालय को फोरलेन निर्माण के दौरान ढहा दिया गया। इस कारण स्थानीय लोग काफी आक्रोश में थे। उनका कहना था कि इसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है।

नाराज़ छात्र-छात्राओं,अभिभावकों तथा अन्य नागरिकों ने इस घटना के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए एनएच 30 के आरा-पटना फोरलेन सड़क पर कक्षाएं लगाई। इस कारण एनएच 30 पर वाहनों की आवाजाही दिन भर बंद रही और यहाँ महाजाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। आंदोलनकारियों के द्वारा एंबुलेंस, गैस वाहन, स्कूल बसों व बाइक आदि को जाने-आने की छूट दी गई थी। लेकिन बड़े वाहनों के चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

फोरलेन पर आंदोलन करने वाले ने टेंट, शामियाना, स्टेज समेत दरी व टेबुल-कुर्सी की व्यवस्था की हुई थी। चिलचिलाती धूप और गर्मी के बावजूद छात्र्- छत्रा समेत अभिभावक संख्या में आन्दोलनरत थे। बच्चियों के राष्ट्रगान व गीत से कक्षाएं शुरू की गईं। वरीय छात्राओं और शिक्षाविदों ने पठन – पाठन का कार्य किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी चलाए गए। इस मौके पर अगिआंव विधायक मनोज मंजिल भी मौजूद थे। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक भवन के पुनर्निर्माण की शुरुआत नहीं हो जाती और बच्चों की कक्षाओं के नियमित संचालन की व्यवस्था नहीं हो जाती,वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

शाम 4  बजे खत्म हुआ आंदोलन

फोरलेन से आंदोलन शुरू किए जाने की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद, बीडीओ विजय कुमार मिश्रा, कोईलवर थानाध्यक्ष राम विलास प्रसाद समेत पुलिस व प्रशासन के कई अधिकारी, कर्मी व जवान आंदोलन स्थल पर गए, जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से कहा गया है कि भवन निर्माण को लेकर एनओसी समेत अन्य कानूनी औपचारिकताएं व प्रक्रियाएं शीघ्र पूरी कर स्कूल का नया भवन बनाया जाएगा।

शाम के साढ़े चार बजे एडीएम, एसडीएम व एसडीपीओ भी पंहुचे। लेकिन, उनसे कोई वार्ता नहीं हुई। देर रात जिला प्रशासन के सीनियर अधिकारी वहां पहुंचे, तब आंदोलन कर रहे छात्र और अभिवाकों ने उनकी बात मानते हुए अपना डेरा एनएच से हटाया।

Manish Kumar

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