बिहार सब्जी उत्पादन मे देश भर मे अव्वल स्थान रखता है। यहाँ सब्जी उत्पादन के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियां भी है। बिहार मे सब्जी उत्पादन को और अधिक बढ़ाने के लिए बिहार सरकार काफी गंभीर नज़र आ रही है। इस मकसद से राज्य मे तरकारी ब्रांड को प्रमोट करने की तैयारी मे सरकार जुटी हुई है। इस योजना का लक्ष्य वेजिटेबल सप्लाई चेन मे बिचौलियों की भूमिका कम इसे और प्रभावी बनाना है। बिहार की सब्जी का ब्रांड नेम तरकारी है।
वर्तमान मे पायलट प्रोजेक्ट के तहत 15 जिलों को शामिल किया गया है, तो वहीं पांच प्रखंडों में 92 प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों का निबंधन हो चुका है। बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना के अंतर्गत सभी प्रखंड स्तरीय समितियों को 20 लाख 60 हजार की राशि का आवंटन किया जा रहा है। 20 हजार सब्जी उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना से भी लाभान्वित किया जा रहा है।
क्या होगा इस योजना का फायदा
बिहार की सहकारिता सचिव वंदना प्रेयसी के बताती हैं कि सब्जी उत्पादकों के लिए बाजार से लेकर भंडारण तक की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके, इसे ध्यान मे रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। इस योजना का मकसद राज्य भर में एक प्रभावी सब्जी सप्लाई चेन बनाना है, ताकि सब्जी उत्पादकों को बेहतर बाजार उपलब्ध हो सके हुए उन्हें उनके उत्पाद का उचित मूल्य हासिल हो। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को भी गुणवत्तापूर्ण सब्जियों उपलब्ध हो सकेंगी। इस योजना के अंतर्गत बिहार के अलावा बाहर राज्यों में भी बिहार के तरकारी ब्रांड को बढ़ाने पर काम किया जाएगा।
हर प्रखण्ड मे लगेगा सब्जी हाट
सरकार की योजना है कि तरकारी ब्रांड को हर प्रखंड में स्थापित किया जाए। इस योजना को मूर्त रूप देते हुए प्रखंड मुख्यालय में सहकारिता विभाग एक सब्जी मार्किट विकसित करने के प्रयास मे लगा हुआ है। 32 प्रखंडों में 10-10 हजार वर्गफीट भूमि पर सब्जी हाट तैयार करने की बात कही गई है। इस योजना के अंतर्गत सब्जी उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के लिए त्रिस्तरीय सहकारी समितियों के द्वारा एक उत्पादन चक्र को स्थापित किए जाने पर काम किया जा रहा है। इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए 1750 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। योजना की ब्रांडिंग पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है।
इन जिलो मे शुरू हुई योजना
सहकारिता विभाग के तरकारी ब्रांड को प्रमोट करके सब्जी उत्पादन को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत उत्पादकों को भी आर्थिक रूप से सबल बनाने को प्राथमिकता दी जा रही है। इस योजना के तहत पटना, नालंदा, वैशाली, बेगूसराय और समस्तीपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफल क्रियान्वयन हो जाने के बाद आगे का लक्ष्य भी तय किया जाएगा।
प्रखंड स्तर पर सब्जी उत्पादकों से सब्जी को संग्रहित करके उसे सब्जी हाट तक लाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही साथ सब्जियों को कोल्ड स्टोरेज में रखने की भी व्यवस्था की जा रही है। तीन महीने पूर्व ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोआपरेटिव सोसायटी के माध्यम से तरकारी ब्रांड को लांच किया था और ग्राहकों को आनलाइन सब्जी उपलब्धत कराने के मकसद से इस योजना की शुरुआत की गई थी। तब यह योजना केवल पटना और पूर्वी चंपारण मे लागू की गई थी।