पटना के राजकीय आयुर्वेद कालेज के 96वें स्थापना दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव अरविंदर सिंह ने बिहार मे 7000 आयुष डॉक्टरों की भर्ती और बिहार मे आयुर्वेदिक कॉलेज खोले जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिहार मे तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा जल्द ही 7000 पदों पर आयुष डॉक्टरों की भर्ती के लिए वैकेन्सी निकाली जाएंगी। इसके अलावे 3-4 सालो के अन्दर बिहार के बेगुसराय, दरभंगा और मुजफ्फरपुर मे आयुर्वेद कॉलेज खोले जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य मन्त्री की मंजूरी ले ली गई है तथा मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलते ही मेडिकल कॉलेज के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
औषधीय पौधों की बनाएगी नर्सरी
इस समारोह मे वन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह भी उपस्थित थे, उन्होने बताया कि राजधानी पटना के 5 से 8 पार्क में इस साल औषधीय पौधों की नर्सरी बनायी जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के वनो मे किस तरह के औषधि वाले पौधे पाए जाते है, उस पर एक सर्वे कराया जाएगा तथा उसका दोहन कैसे किया जाए, इसके लिए एक योजना बनाई जायेगी और फिर उस पर काम किया जायेगा।आयुर्वेदिक औषधि का फायदा हर लोग ले सके इसके लिए रिसर्च को बढ़ावा देना जरुरी है क्योंकि आमलोग इसे उपयोग मे लाना तो चाहते हैं लेकिन उनके पास जानकारी प्राप्त कराने का कोई स्रोत नहीं है, इससे जुड़ी जानाकारियो के लिए वे मैगजीन और अखबारो पर निर्भर हैं।
आगे उन्होंने यह भी बताया कि आयुर्वेद से जुड़ी बहुत सी जानकारियों के लिए इस पर शोध किए जाने की जरुरत है। विश्वसनीय स्रोत के अभाव मे आमलोग इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। गिलोय पर एक आर्टिकल आने के बाद बहुत से लोगों द्वारा इसका प्रयोग बंद कर दिया गया। इसका वैज्ञनिक खंडन होते हुए भी आयुर्वेद कॉलेज ने कोई पहल नहीं की। इसके लिए रिसर्च व उसका डाक्यूमेंटेशन किये जाने की जरुरत है ताकि आगे से दूसरे ऐसी गलती नहीं हो।
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