आज से 236 साल पहले जब गोलघर बना तब गोलघर के बगल से बहती थी गंगा नदी, आज है 2 किमी दूर

बिहार की राजधानी पटना एक ऐतिहासिक नगर है। यहाँ ऐसी बहुत से चीज़ है जो पटना की पहचान है। राजधानी पटना के मध्य मे गोलघर है जो पटना को एक खास पहचान देती है, जिसे पूरी दुनिया मे लोग जानते है। आज के दिन इस गोलघर के 236 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। जब भी पटना की बात होती है तो गोल घर का जिक्र जरूर होता है, गोल घर राजधानी पटना को एक अलग ही पहचान देती है। जब भी सैलानी पटना का रुख करते है तो एक बार गोल घर जरूर घुमते हैं।गोल घर का निर्माण कैसे हुआ, इसके पीछे एक पूरी कहानी छिपी हुई है जो आज हम आपको बताने जा रहे है।

इस वजह से किया गया गोलघर का निर्माण

गोलघर अंग्रेजो द्वारा बनवाया गया था, उस समय भारत गुलाम था। 1770 ई के दौरान एक भयंकर अकाल का सामना भारत ने किया था। तब बिहार, बंगाल तथा ढाका के लोग बुरी तरह प्रभावित हुए थे। दस लाख से भी अधिक लोग इस अकाल से प्रभावित हुए थे, कई लोगो की जानें चली गई थी। इसी को देखते हुए 20 जनवरी 1784 को खाद्यान्न के एक कारोबारी जीपी और रियल ने तत्कालीन गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग को अनाज के भण्डारण के लिए एक बड़ा सा भंडार घर बनाने की सलाह दी थी ताकि भविष्य मे इस तरह के अकाल का मुकाबला किया जा सके।

कभी नहीं हुआ अनाज का भंडारण

इसी वजहा से एक बड़ा सा अनाज घर बनाया गया। जिसे गोल घर नाम गया। 20 जुलाई 1786 को गोल घर पूरी तरह बनाकर तैयार हुआ।लेकिन कई सारी तकनीकी खामिया होने की वजह से इसमें अनाज सन्चित करके नहीं रखा जा सका। गोल घर की सबसे बड़ी कमी यह थी कि इसके अंदर इतनी गर्मी होती थी कि इसके अंदर अनाज को संग्रह करके नहीं रखा जा सकता था। फिर भी अपनी अलग आकृति के कारण यह दुनिया भर मे प्रसिद्ध हुआ और पटना को भी इससे एक नई पहचान मिली।

गोल घर के बगल से बहती थी गंगा नदी

कहा जाता है कि जब गोल घर का निर्माण हुआ था तब इसके बगल से गंगा नदी बहा करती थी। इसका प्रमाण ब्रिटिश लाइब्रेरी में गोलघर की है वह पेंटिंग है जो 206 वर्ष पुरानी है जिसमें यह साफ-साफ दिखाया गया है कि गोल घर के बगल से गंगा नदी बह रही है और नाव भी चल रहे हैं। इस चित्र को अंग्रेज चित्रकार रॉबर्ट ने 1814 से 1815 में बनाया था जब गोल घर से थोड़ी ही दूर पर गंगा बहती थी लेकिन अब गोलघर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर गंगा नदी बहती है । राजधानी पटना में अत्याधुनिक निर्माण और बड़े-बड़े इमारतें अब बन रही है , इस वजह से गंगा नदी कहीं ना कहीं राजधानी पटना से धीरे-धीरे दूर होती हुई दिख रही है।

Manish Kumar

Leave a Comment