इस महामारी मे शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन मे स्कूल कोचिंग बंद होने के कारण अब ऑनलाइन क्लास का प्रचलन हो गया है। लेकिन सरकारी स्कूल के बच्चे को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पर्याप्त सन्साधन ना होने की वजह से कई बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। सरकारी स्कूल के बच्चो को समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को टैब या अन्य गैजेट देने का ऐलान किया है।
36 लाख से अधिक विद्यार्थी सरकार की इस योजना से लाभान्वित
बिहार के 36 लाख से अधिक विद्यार्थी सरकार की इस योजना से लाभान्वित होंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट तैयार करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रजेंटेशन दे दिया है। अपर मुख्य सचिव ने कम्पनियो को निर्देश दिया है कि प्रजेंटेशन के पूरे प्रस्ताव को लिखित रूप से सम्बंधित विभाग को सौंप दिया जाए। विभाग ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि विद्यार्थियों को टैब दिया जाएगा या छोटा लैपटॉप। इस योजना को कर्यान्वित करने के लिए कितनी राशि का खर्च आएगा, अभी इस पर कोई चर्चा नहीं की गई है, अगले बैठक मे इस पर चर्चा की जायेगी।
राज्य सरकार ने अब खुद यह जिम्मा
गौरतलब है कि इसके पहले राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए टैब जैसे गैजेट देने का प्रस्ताव रखा था, विशेष रूप से 9वी और 10वी के बच्चों के लिए। लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की इस मांग को खारिज कर दिया था। राज्य सरकार का कहना था कि 9वीं और 10वीं के बच्चों को टैब दिए जाने पर ऑनलाइन और डिजिटल पढ़ाई करना आसान हो जायेगा। अगर केन्द्र सरकार इसे मंजूरी दे देती तो समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस में केंद्र का 60 प्रतिशत और राज्य द्वारा 40 प्रतिशत की भागीदारी होती । लेकिन जब केंद्र ने इस प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया तो राज्य सरकार ने अब खुद यह जिम्मा उठा लिया है।
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