बिहार: अब खत्म हुआ अनुकंपा पर बहाली के सारे झंझट, सरकार ने बदले नियम

अनुकम्पा के आधार पर दी जानेवाली नौकरी के मामले मे अधिकतम संख्या की सीमा को राज्य सरकार ने समाप्त कर दिया है। गुरूवार के दिन सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से यह आदेश जारी किया गया तथा राज्य गजट में भी प्रकाशित कर दिया गया है। इससे पहले अनुकम्पा के आधार पर बहाली मे सरकारी सेवको के आश्रित को नौकरी मिलने मे परेशानी का सामना करना पड़ता था. विभिन्न विभागो द्वारा इस कोटे से भर्ती करने के लिए अधिकतम संख्या निर्धारित की जाती थी। ऐसे मे यदि अनुकम्पा के आधार पर नौकरी के लिए पात्र व्यक्तियों की संख्या यदि अधिक होती थी तो इस स्थिति मे आश्रितो को इंतजार करना पड़ता था।

सीधी होगी नियुक्ति, नहीं पड़ेगी आयोग की सिफारिश की आवश्यकता

समाहरणालय लिपिकीय सेवा नियमावली के साथ ही अन्य विभागों के नियंत्रण वाली लिपिकीय सेवा में भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए अलग-अलग प्रविधान था। सरकार इन सभी प्रावधानों को एक करने पर विचार कर रही थी, जिसे अब लागू कर दिया गया है। अब नए आदेश के अंतर्गत उपलब्ध पदों के प्रतिशत का बंधन समाप्त कर दिया गया है। अनुकम्पा के आधार पर बहाली के लिए अब निम्नवर्गीय लिपिकीय सेवा में सीधी नियुक्ति की जायेगी, इसके लिए आयोग की सिफारिश की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है। अब नए नियम के मुताबिक आयोग के पास अधियाचना तभी भेजी जायेगी जब इस प्रक्रिया से पद भरे जाने के बाद भी अतिरिक्त पद शेष रहेंगे।

गौरतलब है कि 5 जुलाई को पटना हाई कोर्ट ने एक याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की थी कि अगर किसी परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी मे है तो ऐसी स्थिति मे उसी परिवार का दूसरा सदस्य अनुकम्पा के आधार पर नौकरी पाने का हकदार नहीं है। याचिकाकर्ता के पिता की पुलिस मे नौकरी के दौरान मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उसने अनुकम्पा के आधार पर नौकरी पाने के लिए आवेदन किया था जिसे विभाग ने ना मंजूर कर दिया था।

Manish Kumar

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