दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र सांसद चिराग पासवान को कभी भी दिल्ली स्थित 12 जनपथ का सरकारी सरकारी बंगला खाली करना पड़ सकता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्हें पहले भी इसके लिए नोटिस आ चुके हैं। तीन महीने पहले ही उन्हें इसके लिए 2-3 नोटिस आई थी। दरअसल यह बंगला मंत्री पद के लिए आवंटित है, अब रामविलास पासवान के गुजरने के बाद चिराग बस सांसद रह गए हैं। इसलिए 30 साल से रह रहे पासवान परिवार को यह बंगला अब खाली करना पड़ सकता है। चिराग फिलहाल लोजपा चिराग गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। चिराग गुट भी यह मानकर चल रहे हैं कि सरकारी बंगला खाली करना होगा, ऐसे मे वे खुद को मानसिक रूप से तैयार कर रहे। गौरतलब है कि भाजपा के साथ चिराग के सम्बन्ध खट्टे चल रहे और इस बार उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
ज्यादातर वक्त बिहार मे ही गुजारेंगे
पार्टी के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब चिराग पासवान अपना ज्यादातर वक्त बिहार मे ही गुजारेंगे। इस दौरान उनकी कोशिश रहेगी कि अपने समर्थको की सहायता से वे जल्द से जल्द पार्टी को पटरी पर ला सके और फिर से कमबैक किया जा सके। 16 जुलाई वे आशीर्वाद यात्रा का दुसरा चरण शुरू करने जा रहे, इसके लिए वे गुरूवार को पटना आ जाएंगे। शुक्रवार के दिन कटिहार से आशीर्वाद यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत की जायेगी।
साल 2009 का एक वाकया है, जब लालू यादव ने राम विलास पासवान के सरकारी बँगले को बचाया था। साल 2009 मे रामविलास पासवान हाजीपुर से चुनाव लड़े थे और हार गए थे, तब उनके सरकारी बँगले को खाली करने की नौबत आ गई थी। ऐसे मे लालू यादव ने उन्हें राजद कोटे से राज्य सभा भेजकर उनके सरकारी बँगले को बचाया था। बाद मे गठबंधन तोड़ कर रामविलास NDA मे चले गए, उन्हें मोदी सरकार ने कैबिनेट मंत्री बनाया। साल 1990 से ही यह बंगला पासवान परिवार के पास है।
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