बिहार मे कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तेज़ हुई आशंका, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की अपनी तैयारियां

कोरोना संक्रमण का दूसरा लहर थम जरूर गया है लेकिन कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है। वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने कोरोना के तीसरे लहर की चेतावनी दी है, जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग अपने तैयरियों मे कोई कसर नहीं रखना चाहता है। इसी को ध्यान मे रखते हुए मेडिकल कालेज अस्पतालों को छोड़कर, शेष सभी अस्पतालों को पांच श्रेणी में बांट दिया गया है, जहा उपकरणों की आपूर्ति की जा रही है।

कोरोना के तीसरे लहर का सामना करने के लिए बिहार मे तैयारी शुरू, सदर अस्‍पताल से पीएचसी तक भेजे गए आधुनिक मेडिकल उपकरण

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसमें अस्पतालों को हर सुविधा से लैस करने का निर्देश है। कोरोना के अब तक के हालात का अध्ययन करके और विशेषज्ञों-वैज्ञानिकों की सलाह पर कोरोना के तीसरी लहर से निपटने के लिए आज गाइडलाइन जारी की गई है।

अस्पतालों में उपकरणों की कराई गई व्यवस्था :-

कोरोना के तीसरे लहर का सामना करने के लिए बिहार मे तैयारी शुरू, सदर अस्‍पताल से पीएचसी तक भेजे गए आधुनिक मेडिकल उपकरण

उपकरण मुहैया कराने के दृष्टिकोण से अस्पतालों को पांच श्रेणी में बाँटा गया है, जिसमें सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल किया गया है। जारी किये गए गाइड लाइन मे यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोविड को देखते हुए पहले भी जिले के हॉस्पिटल मे उपकरणों की व्यवस्था की गई है। अस्पतालो को और अधिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। जिनमें मुख्य रूप से आक्सीजन कंसंट्रेटर, बी और डी-टाइप आक्सीजन सिलेंडर के अलावा बाइपैप मशीनें शामिल हैं।

उपकरणों में गड़बड़ी होने पर होगी सख्त कार्रवाई :-

कोरोना के तीसरे लहर का सामना करने के लिए बिहार मे तैयारी शुरू, सदर अस्‍पताल से पीएचसी तक भेजे गए आधुनिक मेडिकल उपकरण

अस्पतालो मे अब तक जो उपकरण दिए गए हैं उसमें आक्सीजन कन्संट्रेटर, आक्सीजन सिलेंडर, बाइपैप मशीन, एक्स-रे मशीन, पोर्टेबल एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, कार्डियक मशीन, पल्स आक्सीमीटर, आक्सीजन फ्लोमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर, ह्वील चेयर, टू्र-नेट मशीन और आरटी-पीसीआर मशीन हैं। जिलों को दिए गए और नए भेजे जाने वाले उपकरणों की मानिटरिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तीन अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी हैं, और उनकी जवाबदेही भी होगी। उपकरण काम करता रहें यह दायित्व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सौंपा गया है। इस काम में असैनिक शल्य चिकित्सक और अनुमंडल दंडाधिकारी स्तर के अफसर को भी लगाया गया है। सरकार ने साफ कह दिया है कि यदि उपकरण सही से काम नहीं कर रहे है या इनमें किसी प्रकार की गड़बड़ हुई तो दोषी पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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