बिहार के बालू माफ‍िया पर ED की तीखी नज़र, 17 लोगों को किया चिन्हित, होगी जब्त संपत्ति

अभी बालू उत्खनन पर पूरे राज्य मे रोक है लेकिन फिर भी बालू का अवैध उत्खनन जारी है। पुलिस बराबर बालू लदे ट्रक को जब्त कर रही है, लेकिन फिर भी अवैध बालू के उठाव पर कोई रोक नहीं है। जमुई के अधिकतर बालू घाट से रात ढलते ही अवैध उत्खनन का काम शुरू हो जाता है। अवैध बालू उठाव की शिकायत से तंग आकर सरकार ने इसके ऊपर एक सख्त कानून बना दिया है। लेकिन इसका शत-प्रतिशत परिणाम अभी सामने नहीं आया है। जिले के विभिन्न सड़कों पर फर्राटे मारते बालू लदे ट्रक को पुलिस बराबर जब्त कर रही है।

बालू के अवैध कारोबार मे दिन दूनी और रात चौगुनी हुई तरक्की पर अब ईडी की भी नज़र है। ईडी उन कारोबारियो पर अपनी तीखी नज़र रख रही है जो इसमें सक्रिय है। ईडी ने बड़ी कारवाई करते हुए जिले में ऐसे 17 लोगों को चिन्हित किया है। सूत्रों के मुताबिक इसमें चकाई, सोनो, लक्ष्मीपुर और सिकंदरा-लखीसराय सीमा से सटे क्षेत्र के बालू माफिया बहुत अधिक सक्रिय हैं। इन लोगों पर ईडी की पैनी नज़र है।

ईडी इन कारोबरियो की संपत्ति का पूरा ब्यौरा ले रहा है और उसकी विस्तृत जानकारी जुटा रहा। ऐसा कहा जाता है कि बालू के अवैध कारोबार से मालामाल होकर कारोबारी स्वजनों के नाम पर विभिन्न राज्य में बड़ी संपत्ति अर्जित कर ली है इतना ही नही कई महंगे लग्जरी वाहन भी उनके पास है। जमुई के विभिन्न बालू घाट से हर रोज़ तकरीबन दो सौ ट्रैक्टर से अधिक बालू निकाला जाता है। इसके साथ ही 40-50 ट्रक बालू यहाँ दूसरे ज़िला से आता है।

इतने रुपए का रोज हो रहा कारोबार

सूत्रों के मुताबिक  प्रति ट्रैक्टर पांच हजार तय है, इस तरह एक रात में दस लाख का खेल सिर्फ ट्रैक्टर से हो जाता है। ट्रकों द्वारा दो हजार से लेकर तीन हजार तक तय है। इस दर् से औसतन 25 सौ मानने पर 12 लाख पांच हजार का खेल होता है। बालू माफिया के इस धंधे से हर कोई वाकिफ है लेकिन कोई जुबान नहीं खोलता। जमुई के 28 घाट ऐसे है जहां बालू माफिया सबसे ज्यादा सक्रिय है, इसमें सुदूर क्षेत्र के अलावा शहर के कल्याणपुर, त्रिपुरारी घाट, किउल घाट, दौलतपुर, खैरमा, सतगामा, ढंड, प्रतापपुर, बरियारपुर, देवाचक, कटौना, डाढा का नाम प्रमुख है।  बालू के अवैध खनन को रोकने के लिए थानाध्यक्षों को विशेष निर्देश दिया गया है कि हर हाल मे इसे रोकना है।

Manish Kumar

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