बिहार-UP को जोड़ने वाली सड़क 5 फीट अंदर धंसी, 500 करोड़ का सड़क 10 साल भी नहीं चली

जिस सड़क को बनवाने मे 500 करोड़ रूपये की लागत आयी, वह दस साल भी टिक ना सकी। निर्माण के अभी एक दशक भी पूरा नहीं हुए थे कि सड़क जमीन के 5 फीट अंदर तक धंस गई। यह सड़क यूपी और बिहार को एक दूसरे से जोड़ती थी। सड़क धंसने के बाद दोनों प्रदेश एक दूसरे से कट गए। सड़क के दोनों तरफ भारी संख्या मे वाहन लगे हुए है, आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है, लोंगो को समझ नहीं आ रहा अब वे करें तो क्या। यह मुख्य मार्ग है, जहां से हर रोज़ सैंकड़ो वाहन आते जाते है। एक दूल्हा दुल्हन की गाड़ी इस कतार मे लगी हुई है। दूल्हे ने बताया कि पिछ्ले पांच घंटे से यहाँ फंसा हुआ हूँ,समझ नहीं आ रहा अब यहाँ से कैसे निकला जाए।

26 नवंबर 2013 को प्रदेश के मुख्य्मन्त्री नीतीश कुमार ने अपने हाथो से इस सड़क का उद्घाटन किया था। महज आठ सालो बाद ही उस सड़क का हाल सबके सामने उजागर हो गया। गुरूवार की रात से बेतिया मे लगातार तेज बारिश हो रही है, लेकिन इस तेज बारिश ने सरकार की पोल खोल दी है।

साल 2010 मे रतवल से धनहा तक गौतम बुद्ध सेतु को जोड़ने के लिए अप्रोच बांध और सड़क का निर्माण हुआ था। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा गंडक नदी में पुल का निर्माण कराते हुए धनहा से रतवल तक इस मुख्य मार्ग और गौतम बुद्ध सेतु का निर्माण कराया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घनहा गौतम बुद्ध सेतु से इस सड़क का उद्द्घाटन किया था। यह सड़क बिहार और यूपी को जोड़ ने वाली मुख्य सड़क थी।

मंडराया बाढ़ का खतरा

सड़क निर्माण के लिए बाँध का निर्माण करवाया गया था। सड़क और बाँध निर्माण से कई गाँवों पर खतरा मंडरा रहा है। जिन दस गाँव पर बाढ़ का खतरा सबसे अधिक है उसमें नैनाहा, करैया बसौली, पकाहा, मानपुर, उरदही, चुरही, सिसही शामिल है। इस गाँवो मे गंडक का पानी घुसते ही दर्जनों गाँव के लिए तबाही खड़ी हो जायेगी। सड़क के ज़मीन मे धंसने पर प्रशासन की तरफ से कोई सुध नहीं लिया गया है, लोग भगवान भरोसे है। प्रशासन के रुख से आम आदमी मे और ज्यादा आक्रोश है।

Manish Kumar

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