22 हजार करोड़ रुपयों से बदलेगी बिहार के गांवों की सूरत, पंचायतों के लिए सरकार ने खाेला खजाना

अगले पांच वर्षों में सरकार पंचायती राज संस्थाओं के विकास पर बिहार सरकार 22183 करोड़ खर्च करेगी। पांचवें राज्य वित्त आयोग के अनुशंसा पर यह राशि हर वर्ष जारी की जायेगी। वित्तीय वर्ष 2020-21 में पंचायतों के लिए 2764 करोड़ की राशि जारी की गई थी, लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 में इसमे वृद्धि की गई है और इसे बढाकर 3906 करोड़ रुपये कर दी गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में पंचायती राज के विकास के लिए 4559 करोड़ रुपये तो वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5123 करोड़ रुपये और पांचवें वर्ष 5831 करोड़ रुपये दिया जाएगा।

आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को राशि आवंटित भी कर दी गई है। कुल राशि का 70 फीसद हिस्सा ग्राम पंचायतों को जबकि 15 फीसद राशि पंचायत समिति और 15 फीसद राशि जिला परिषदों को दिया जाएगा।गौरतलब है कि पंचायतों के लिए जो राशि जारी की गई है उसे व तीन भागों में बाँटा जाएगा। इसमें विकास निधि मद में 30 फीसद, मेंटनेंस निधि के रूप में 20 फीसद और सामान्य निधि के रूप में 50 फीसद राशि का आवंटन किया जाएगा ।

विकास निधि की राशि से राज संस्था स्थानीय स्तर पर किये जाने वाले विकास कार्यक्रम को संपन्न करेगी। तो वही मेंटनेंस मद के लिए आवंटित राशि का उपयोग हर घर नल का जल, नाली गली पक्कीकरण योजना और लाइट जैसी योजनाओं के अंतर्गत आने वाले संपत्ति का मरम्मत के लिए किया जाएगा। सामान्य निधि के लिए दी गई राशि से राशि से पंचायती राज एक्ट में निर्धारित विभिन्न कार्यों के क्रियान्वयन, स्थापना और प्रशासनिक व्यय का कार्य किया जाएगा। तो वहीं पंचायती राज संस्थाओं के लिए तय सामान्य निधि का 50 फीसदी का उपयोग करके पंचायत सरकार भवन निर्माण कराया जाएगा। शेष 50 फीसदी राशि को पंचायती राज संस्थाएं आयोग की अनुशंसा के अनुरूप खर्च किया जाएगा।

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