आज के समय मे हेल्थकेयर और फार्मेसी एक ऐसा सेक्टर है जहां कभी भी आपको क्राइसिस का सामना नहीं करना पड़ता है। फार्मेसी संबंधी बिजनेस ग्रामीण और सुदूर इलाकों में भी खोलने पर बिजनेस हर हाल में चलेगा और मुनाफा भी होगा। टाटा ग्रुप ने एक प्रोग्राम लॉन्च किया है जिसका नाम है ‘Sehat ke Sathi’. यह एक प्रकार का लीड जेनरेशन प्रोग्राम है। जिसके तहत एक एरिया दे दिया जाएगा जहां आपको 1MG के लिए नए कस्टमर खोजने होंगे। कंपनी के लिए कस्टमर बनने पर इस पर कमीशन दिया जाएगा, मतलब जितने ज्यादा ग्राहक, उतना ज्यादा कमीशन।
अगर मेडिकल शॉप से इसकी तुलना करें तो यह ज्यादा आसान है क्योंकि मेडिकल शॉप खोलने के लिए फार्मेसी की डिग्री की जरुरत होती और साथ ही इसमें ज्यादा निवेश की जरुरत पड़ती है। ड्रग लाइसेंस लेना बहुत ही मुश्किल होता है, ऐसे में 1mg के सेहत के साथी प्रोग्राम से मेडिकल शॉप ओनर के साथ कोई भी आसानी से जुड़ सकता है। दरअसल यह पूरी तरह एक एफिलिएटेड प्रोग्राम है जिसमें आपके माध्यम से जितने लोग 1एमजी के साथ जुड़ेंगे, आपको उस पर कमिशन दिया जाएगा।
10 हजार के बदले मिलेगे ब्लड प्रेशर चेक करने की मशीन, शुगर चेक करने की मशीन और …
इस पर मिलने वाला कमीशन आमतौर पर कीमत का 10 फीसदी होता है, यह ज्यादा या कम भी हो सकता है। सेहत का साथी बनने के लिए आपको 10 हजार का इन्वेस्टमेंट करना होगा। जिसके बदले आपको एक ब्लड प्रेशर चेक करने की मशीन, शुगर चेक करने की मशीन और 500 विजिटिंग कार्ड दी जायेगी। वेबसाइट पर दी गई जानकारी मे बताया गाया है कि 1एमजी के इस प्रोग्राम से 100 से ज्यादा साथी जुड़ चुके हैं। भविष्य मे ऑनलाइन फार्मेसी बहुत ही लाभदायक साबित होने वाला है। कुछ रिपोर्ट के मुताबिक भारत का ई-फार्मेसी बिजनेस 2023 तक 2.7 अरब डॉलर यानी करीब 17 हजार करोड़ रुपए का हो जाएगा। वर्तमान में यह 360 मिलियन डॉलर यानी 2500 करोड़ का है।
1MG देश का उभरता हुआ ऑनलाइन मेडिकल स्टोर
1MG की स्थापना 2015 मे प्रशांत टंडण गौरव अग्रवाल ने साझा प्रयास से किया था। इसकी वेबसाइट पर जो जानकारी दिए गए हैं, उसके अनुसार , यहां ऑनलाइन डॉक्टर, ऑनलाइन दवाई, लैब टेस्ट और लैब ब्लड टेस्ट जैसी तमाम मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां अंग्रेजी के साथ-साथ आयुर्वेद दवाइयों की भी उपलब्धता है । इसके साथ ही, इस समय कोरोना संबंधी जांच और कंसल्टेशन की सुविधाएं भी हैं। 1MG इस समय देश के 1800 से ज्यादा छोटे और बड़े शहरों में हेल्थ प्रोडक्ट की डिलिवरी करता है। इस प्लैटफॉर्म की मदद से अब तक 27 मिलियन यानी 2.7 करोड़ ऑर्डर डिलिवर किए जा चुके हैं।
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