मुजफ्फरपुर में प्लास्टिक कचरा से डीजल-पेट्रोल का उत्पादन किया जाने वाला प्लांट स्थापित किया गया है। महज छह रुपये के प्लास्टिक कचरे से 70 रुपये के पेट्रोल-डीजल का उत्पादन किया जाएगा। मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी के खरौना में प्लास्टिक कचरा से पेट्रोल-डीजल बनाने वाली प्लांट का उद्घाटन राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय द्वारा किया गया।
गौरतलब है कि यह देश का पहला प्लांट है, जिससे प्लास्टिक से पेट्रोलियम बनाया जाएगा। इसे ग्रैविटी एग्रो एन्ड इनर्जी द्वारा स्थापित किया गया है। मंत्री द्वारा प्लांट में तैयार दस लीटर डीजल की खरीदारी भी की गई। इस प्लांट को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी हुई थी। प्लास्टिक कचरा से डीजल-पेट्रोल तैयार किए जाने की विधि जानने को लेकर लोगों में उत्सुकता रही।
प्रतिदिन 150 लीटर डीजल या 130 लीटर पेट्रोल तैयार होगा
इकाई के संचालक सह ग्रैविटी एग्रो एन्ड इनर्जी के सीईओ आशुतोष मंगलम बताते हैं कि स्थापित किए गए इस प्लांट में हर रोज़ दो सौ किलो प्लास्टिक कचरा से 150 लीटर डीजल या 130 लीटर पेट्रोल तैयार किया जाएगा। सबसे पहले कचरा को ब्यूटेन में परिवर्तित किया जाएगा। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ब्यूटेन को आइसो ऑक्टेन में परिवर्तित किया जाएगा। इसके बाद अलग-अलग प्रेशर व तापमान से आइसो ऑक्टेन को डीजल व पेट्रोल में परिवर्तित किया जाएगा।
400 डिग्री सेल्सियस तापमान पर डीजल व 800 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पेट्रोल का उत्पादन हो सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि देहरादून स्थित इंडियन इंस्चयूट ऑफ पेट्रोलियम के द्वारा डीजल व पेट्रोल तैयार करने का पहले ही ट्रायल किया जा चुका है, और सबसे बड़ी बात यह कि ट्रायल सफल भी रहा। डीजल व पेट्रोल में अधिक ऑक्टन वैल्यू होने से माइलेज अधिक पाया गया है। इस प्रक्रिया के पूरा होने में आठ घंटे का समय लगता है। नगर निगम से छह रुपये प्रति किलो की दर से प्लास्टिक कचरा की खरीद की जाएगी।
किसानों व नगर निगम को की जाएगी आपूर्ति
प्लांट में उत्पादित किए गए डीजल व पेट्रोल की आपूर्ति किसानों के अलावा नगर निगम को की जाएगी। इकाई द्वारा 70 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति की जाएगी पहले ही दिन चालीस किलो प्लास्टिक से 37 लीटर डीजल तैयार की गई। इकाई के संचालक ने बताया कि नगर निगम द्वारा प्लास्टिक मुहैया कराई जाएगी। इसके बदले इकाई द्वारा निगम को डीजल व पेट्रोल दिया जाएगा। नगर निगम तथा किसानों के अलावा अन्य लोग भी इकाई से डीजल व पेट्रोल खरीद सकेंगे। उद्द्घाटन कार्यक्रम मे नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय व सिटी मैनेजर ओमप्रकाश भी मौजूद थे।
सरकारी योजना के तहत खोली गई इकाई
केंद्र सरकार की योजना पीएमईजीपी के तहत 25 लाख रुपये का लोन लेकर यह प्लांट स्थापित की गई है। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक पीके सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रयास को सराहा गया है। विश्व का यह एकमात्र प्लांट है जहां प्लास्टिक से डीजल-पेट्रोल बनाया जाता है।
मालूम हो कि इस इकाई का पेटेंट मुजफ्फरपुर की संस्था ग्रैविटी एग्रो एन्ड इनर्जी को मिला है। उद्योग विभाग के द्वारा नियमित रूप से इकाई की निगरानी भी की जा रही है। एलडीएम गणेश दत्त शर्मा ने बताया कि प्लांट स्थापित करने के लिए अनुदानित ब्याज पर इकाई को लोन दिया गया है। इस इकाई से कई लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।