नीतीश कुमार बोली बड़ी बात: बिहार की सियासत कौन दाेस्‍त-दुश्‍मन पहचानना मुश्किल

बिहार की राजनीति में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हम बात कर रहे हैं एनडीए गठबंधन की भाजपा और जदयू का संबंध करीब एक दशक पुराना है लेकिन अब इन संबंधों में वह मिठास नहीं रहा। लगातार आए दिनों इन दोनों दलों में खटपट होने की बातें सामने आती रहती है। शनिवार को जदयू की राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक में नीतीश कुमार ने इस तरह खुलकर इशारा किया है उन्होंने कहा कि अब तो दोस्त और दुश्मन का पता ही नहीं चलता। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान से साफ अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार की राजनीति की और करवट लेने वाली है?

सीट बंटवारे में देरी से नहीं मिला प्रत्याशियों को तैयारी का मौका

जनता दल यूनाइटेड कि राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए के दलों के बीच सीटों के बंटवारे में हुई देर का खामियाजा जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशियों को भुगतना पड़ा। सीटों का बंटवारा देर से हुआ इसलिए हमारे कई प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार करने के लिए समय नहीं मिला, और चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। नीतीश कुमार ने यहां तक कहा कि दोस्त और दुश्मन का फर्क करना मुश्किल हो गया।

नीतीश कुमार ने किसी पार्टी और किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा किस और था यह तो साफ जग जाहिर होता है जदयू के कई नेता चुनाव में पार्टी की इस स्थिति के लिए बीजेपी और लोजपा को खुलकर जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।

5 महीने पहले ही सब कुछ हो जाना चाहिए था तय

बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए नीतीश कुमार ने कहा इंडिया में सीटों के बंटवारे और चुनाव की रणनीति पर 5 महीने पहले ही बात हो जानी चाहिए थी। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा के एनडीए से अलग होकर लड़ने का काफी बड़ा नुकसान जदयू को झेलना पड़ा। बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा भले ही 1 सीट जीती हो लेकिन उन्होंने नीतीश कुमार के कई प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ा है। नीतीश कुमार के पार्टी इस चुनाव में करीब 115 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन उन्हें सिर्फ 43 सीटें मिली

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हम नहीं बनना चाहते थे सीएम भाजपा के कहने पर बने

नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि वह भाजपा के कहने पर मुख्यमंत्री बने। हमारी कोई इच्छा नहीं थी हम लोग तो गांधी लोहिया जेपी अंबेडकर और कर्पूरी ठाकुर को मानने वाले लोग हैं। उन्होंने यह बात दोहराया कि यह सरकार पूरे 5 साल चलेगी।

हमें एहसास हुआ था कि कुछ गलत हो रहा है

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर बैठक में जनता दल यूनाइटेड के कई नेताओं ने सहयोगी दल के धोखे का जिक्र किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब लगातार धोखे की बात सुनी तो उन्होंने भी कह डाला कि मुझे इस बात का एहसास हो चुका था कि चुनाव के दौरान जरूर कुछ गड़बड़ है। मैंने पार्टी के कुछ लोगों के साथ इस विषय पर चर्चा की थी।

हम लोग धोखा तो खा सकते हैं पर दे नहीं सकते

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हम लोग धोखा तो खा सकते हैं लेकिन धोखा दे नहीं सकते। यह हमारा चरित्र नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोगों में फिर से खड़ा होने की ताकत बची हुई है। अगर हमारी पार्टी में कोई कमी है तो उसे दूर करने में हमे पूरे संकल्प के साथ जुट जाना है।

कई मुद्दों पर बीजेपी के स्टैंड से अलग है जदयू की राय

कई ऐसे फैसले हैं जिन पर जनता दल यूनाइटेड के विचार बीजेपी से मेल नहीं खा रही है। यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने NRC को बिहार में लागू नहीं करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जदयू ऐसे प्रयास का खुलकर विरोध करेगा। वही लव जिहाद मुद्दे पर भी जेडीयू और बीजेपी आमने-सामने हैं।

छोटे नेता खुलकर बीजेपी पर कर रहे हैं हमला

बीजेपी और जदयू के रिश्तो में आई खटास की सिर्फ एक वजह नहीं है । इनके कई वजह हैं चाहे वह अरुणाचल प्रदेश की घटना हो या फिर बीजेपी के द्वारा एलजेपी को कोई सबक ना सिखाना। इसको लेकर जनता दल यूनाइटेड के छोटे नेताओं आजकल एक दूसरे के खिलाफ खूब बयान बाजी कर रहे हैं इन पर किसी तरफ से कोई रोक नहीं है।

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