अपने दुसरे कार्यकाल के दौरान आज पहली बार मोदी सरकार मंत्रीमंडल का विस्तार करने जा रही है। आज शाम को राष्ट्रपति भवन मे नए मंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसके लिए औपचारिक रूप से आमंत्रण भेज दिया गया है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह जिन्हें आरसीपी सिंह के नाम से जाना जाता है, को भी कैबिनेट मिनिस्टर मे जगह देने का फैसला किया है। फिलहाल आरसीपी सिंह राज्यसभा सदस्य हैं। उन्हें मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेताओंं मे से एक माना जाता है।
जदयू मे उन्हें नंबर दो कि स्थिति प्राप्त है। नीतीश कुमार के बाद वे ही पार्टी के प्रमुख व्यक्ति हैं। वे पार्टी के नीति निर्धारक भी है, नीतीश कुमार के कई महत्वपूर्ण फैसलो मे उनकी अहम भूमिका रही है। सबसे खास और दिलचस्प बात यह है कि वे भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालन्दा के ही हैं।
1998 में नीतीश कुमार से जुड़े
साल 1998 से ही उनका और नीतीश कुमार का साथ रहा है। लंबे समय तक उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के रूप में भी काम किया आरसीपी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के यूपी कैडर के अधिकारी थे, उन्हें साल 1996 मे केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का निजी सचिव बनाया गया। उसी साल नीतीश कुमार को भी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार मे मंत्री का पद मिला। 1998 में जब नीतीश कुमार ने केंद्र मे रेलमन्त्री का पद सम्भाला तो आरसीपी सिंह को अपना विशेष सचिव बनाया। इसके बाद से वे दोनों लगातार साथ बने रहे।
IAS के नौकरी छोड़ आए थे नीतीश कुमार के साथ
साल 2010 में आरसीपी सिंह ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली। इसके बाद उन्हें नीतीश कुमार ने राजयसभा भेज दिया। वर्तमान मे भी वे राज्यसभा के सदस्य हैं। राजनीति मे आने से पहले वे यूपी कैडर के आइएएस का पद भी संभाल चुके है। उनका जन्म जुलाई 1958 को बिहार के नालंदा जिले के मुस्तफापुर में हुआ था। उन्होंने हाईस्कूल तक की शिक्षा नालंदा जिले के हुसैनपुर से ली, पटना साइंस कॉलेज से बीए, इतिहास (ऑनर्स) किया। 1982 में गिरिजा देवी से उनका विवाह हुआ। 1984 में उन्होंने यूपीएससी की प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता हासिल की। उनकी दो बेटियां है। बड़ी बेटी लिपि सिंह 2016 बैच की आइपीएस अधिकारी हैं।