बिहार के सभी थानों को क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) से जोडऩे के अलावा अब पुराने पुलिस रिकार्ड का भी डिजिटाइजेशन कराए जाने की भी तैयारी की जा रही है। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य के 42 पुलिस जिलों के पिछले 10 साल के पुलिस रिकार्ड के डिजिटाइजेशन किए जाने का काम तेजी से किया जा रहा है। जैसे ही पुलिस रिकार्ड की डिजिटल कापी बनाने का काम पूरा हो जाएगा, उसे कहीं से भी घर बैठे एक क्लिक पर देखा जा सकेगा। पुलिस अधिकारियों के लिए मानीटरिंग का कार्य आसान हो जाएगा। बिहार पुलिस को डिजिटल किए जाने की कवायद तेजी से चल रही है। इसका फायदा भी दिखने लगा है।
बिहार में हैं कुल 1096 पुलिस थाने
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राज्य में कुल 1096 थाने हैं। कार्य के पहले चरण में 894 थानों को सीसीटीएनएस नेटवर्क से जोड़े जाने का काम सफलतापुर्वक पूरा किया जा चुका है। इसके बाद 202 थाने शेष है, जिसे कार्य के दूसरे चरण में इसी साल दिसंबर तक सीसीटीएनएस नेटवर्क से जोड़े जाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के दो हजार सिपाहियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और उनसे थानों में सीसीटीएनएस का काम कराया जा रहा है। इसमें बड़ी संख्या में महिला सिपाही भी शामिल हैं।
डिजिटल मोड में कोर्ट जा रही केस डायरी
राज्य के थानों के सीसीटीएनएस नेटवर्क से कनेक्ट होते ही FIR समेत कई जानकारियां आनलाइन आ गई हैं। अब किसी भी जिले के थाने में दर्ज प्राथमिकी व गिरफ्तार व्यक्तियों के बारे में आनलाइन जानकारी ली जा सकती है। इसके साथ ही थाने और कोर्ट के बीच दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी आसान हो गया है। कोर्ट के साथ एकीकरण (इंटीग्रेशन) का काम पूरा होने के कारण प्राथमिकी, केस डायरी और चार्जशीट आदि सीधे डिजिटल माध्यम से न्यायालय भेजे जा रहे हैं।
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