urinal in railway engine: भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अपने लोको पायलट की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जल्द ही ट्रेनों के इंजन में यूरिनल यानी मूत्रालय स्थापित करने का फैसला किया है। बता दे मौजूदा समय में इन इंजनों में किसी भी तरह की कोई सेनेटरी सुविधा उपलब्ध नहीं है। भारतीय रेलवे में 1000 से अधिक महिला पायलट है, लेकिन इसके बावजूद भी इंजनों में कोई सेनेटरी सुविधा नहीं है। वहीं इस मामले पर अब रेलवे का कहना है कि मूत्रालय स्थापित करने से पहले वह अपने लोको पायलट से इस संबंध में बातचीत कर रहा है। पायलट से फीडबैक लेने की प्रक्रिया पूरा होने के बाद इस दिशा में कोई आदेश जारी किया जाएगा।
यूरिनल स्थापित करने को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला
रेलवे की एक अधिकारी द्वारा साझा जानकारी में बताया गया है कि हमने जरूरत के मुताबिक यूरिनल लगाने के लिए लोको पायलट से सुझाव मांगा है। हम इस बात पर भी गौर कर रहे हैं कि यूरिनल को इंजन में लगाने के लिए क्या जरूरतें होंगी। फीडबैक के आधार पर हम तय करेंगे कि क्या यूरिनल को लगाया जा सकता है या नहीं।
महिला पायलटों ने की हालात की शिकायत
वही रेलवे के एक अधिकारी ने इस मामले में कहा- सभी जोनल रेलवे ने पिछले हफ्ते मानक संचालन प्रक्रिया के मुताबिक रेलवे बोर्ड के बाद पायलटों से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। सभी जोनो के मुख्य विद्युत लोकोमोटिव इंजीनियरों को इस मामले में आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही नाम न जाहिर करने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा है कि महिला पायलटों ने इस खराब स्थिति की शिकायत की है।
असुविधा के कारण महिला पायलेट चुनती है डेस्क जॉब
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महिला लोको पायलट अपनी ड्यूटी करने से बचती है और मूत्रालय की असुविधा से बचने के लिए ही वह डेस्क जॉब का चयन करती है। उन्होंने बताया कि सर्दियों के दौरान यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि महिला पायलटों के पास कोई वॉशरूम उपलब्ध नहीं होता और जब ट्रेन किस स्टेशन पर पहुंचती है, तो उन्हें अन्य कोचों में मौजूद वॉशरूम का इस्तेमाल करना पड़ता है। इस तरह की स्थिति के डर से महिला पायलट अत्यधिक सर्दियों के दौरान डेस्क जॉब का ही चयन करती है
जल्द ही ट्रेन के इंजनों में लगाएगा यूरिनल
गौरतलब है कि ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के सदस्यों ने एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें उम्मीद है कि रेलवे जल्द ही यूरिनल स्थापित करेगा। सेवा निर्मित लोको पायलट और एआईएलआरएसए उपाध्यक्ष रामशरण ने कहा हमने इंजनों में वॉशरूम रखने पर जोर दिया है, क्योंकि यह बुनियादी जरूरत है। रेलवे वर्तमान में इन जोनो में यूरिनल स्थापित करने के मामले पर बातचीत कर रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि यह जल्द ही स्थापित कर दिए जाएंगे।
बता दे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने 25 अप्रैल 2016 को रेलवे बोर्ड को सभी इंजनों में शौचालय और एयर कंडीशनर स्थापित करने के आदेश दिए थे, जिस पर बोर्ड की ओर से सहमति व्यक्त की गई थी। एनएचआरसी को इस मामले में आश्वस्त करने के लिए भारतीय रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 97 इंजनों में वाटर क्लोसेट्स स्थापित किए थे। साथ ही रेलवे अधिकारियों ने इस मामले में कहा था कि फीडबैक की प्रक्रिया पूरी होने के बाद रेलवे द्वारा इन 97 वाटर क्लोसेट्स में से एक डिजाइन को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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