जब अफगानिस्तान में हेमा मालिनी को खानी पड़ी प्याज-रोटी, लंबे कुर्तों-दाढ़ी वाले को देख गयी थी डर

भारत का प्रमुख पड़ोसी देश अफगानिस्तान संकट के बुरे दौर से गुजर रहा है। पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हो चुका है। वहाँ से दिल दहला देने वाली तस्वीरे और वीडियो सामने आ रही है। स्थिति यह हो चुकी है कि आम जनता देश छोड़कर भाग रही है। भारत के प्रमुख हस्तियों ने अफगानिस्तान के इस हालात पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, जिसमें प्रमुख अभिनेत्री और नेत्री हेमा मालिनी भी शामिल है। उन्होंने मौजूदा अफगानिस्तान और पुराने अफगानिस्तान कि तुलना की है, और अपने अनुभव को साझा किये हैं।

अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए अभिनेत्री हेमा मालिनि ने पुराने दिनों मे अफगानिस्तान के एक सफर के अनुभवों को साझा किया है। वर्ष 1974 में आई फिल्म ‘धर्मात्मा’ के हेमा मालिनि ने लिए अफगानिस्तान काबुल में शूटिंग की थी। जिसमें फिरोज खान लीड रोल मे थे। संकट से घिरे अफगानिस्तान के बारे मे बोलते हुए हेमा मालिनी बोलीं ‘यह जो हो रहा है उसे देखकर और देश से भागने की कोशिश कर रहे लोगों को देखकर बहुत दुख होता है। एयरपोर्ट पर वह पागल भीड़ बहुत डरावनी है।’

कभी काबुल बेहद खूबसूरत था

फिल्म धर्मात्मा की शूटिंग के दौरान फिरोज खान के अभिनय से कई अफगानिस्तानी तब बेहद लोग खुश हुए थे। अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए हेमा मालिनी बोलीं ” मैं जिस काबुल को जानती हूँ वह बेहद खूबसूरत था और वहां मैं शानदार महसूस की थी। हम काबुल हवाई अड्डे पर उतरे थे, जो उस समय मुंबई हवाई अड्डे इतना ही छोटा हुआ करता था, वहाँ हम पास के ही एक होटल में रुके थे। शूटिंग के दौरान हमने बामियान और बंद-ए-अमीर जैसे स्थानो का सफर किया और वापस लौटते समय हमने लंबे कुर्तों और दाढ़ी वाले लोगों को देखा, जो तालिबानियों की तरह दिखते थे। उस समय अफगानिस्तान में रूसी भी एक ताकत हुआ करते थे।’

इस वजहा से खाने पड़ी थी प्याज-रोटी

हेमा मालिनी आगे बोलती हैं, ‘उस समय काबुल मे कोई परेशानी नहीं थी, चारों ओर शांति और सुकून था। फिरोज खान ने पूरी यात्रा का प्रबंध किया था और हमने बहुत आराम से शूटिंग भी की थी। शूटिंग के समय जब हम खैबर के पास से गुजर रहे थे तो मेरे साथ मेरे पिता थे। मेरे पिता इसको लेकर काफी उत्साहित थे और वे वह कह रहे थे कि हम लोगों ने यह सभी इतिहास की किताबों में पढ़ा है।

अभिनेत्री ने शूटिंग के दौरान काबुल की यात्रा के बारे अनुभव की पुरानी यादों को बताते हुए आगे बताईं, ‘हम काफी भुखे थे, तो हम एक ढाबे पर रुके। चूंकि हम शाकाहारी थे, इसलिए हम रोटी साथ लेकर गए थे और उसे प्याज के साथ खाई थी। खाना खाते हुए मैंने दोबारा से लंबे कुर्तों और दाढ़ी वाले लोगों को देखा, मुझे वे काफी डरावने प्रतीत हो रहे थे। उनमें से ज्यादातर व्यक्ति काबुलीवाला की तरह लग रहे थे।’

अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर ये कही

हेमा मालिनी ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर वहाँ के लोगों के बारे मे अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा, ‘ पता नहीं खतरनाक तालिबानी कहां किस जगह पर क्या कर रह हैं। यह भी नहीं मालूम कि वहाँ के नागरिकों का आगे क्या होगा ! अन्य देशों को इस संकट की घड़ी मे अफगनिस्तान के साथ खड़ा होना चाहिय और उनकी मदद करनी चाहिए।’ हेमा मालिनी ने अभी के संकट से घिरे अफगानिस्तान के हालातों को लेकर और भी ढेर सारी बातें की हैं।

Manish Kumar

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