इस सप्ताह राज्य के आठ जिलों मे बालू घाटों(sand ghats) के नये बंदोबस्तधारी द्वारा बालू खनन(sand mining) का काम शुरू किया जाएगा। जिन जिलों में बालू खनन का काम किया जाएगा उसमें पटना सहित भोजपुर, सारण, औरंगाबाद, रोहतास, गया, जमुई और लखीसराय शामिल हैं। इन जिलों मे 3 दिसंबर को 150 बालू घाटों की इ-नीलामी(e-auction of sand ghats) की जा चुकी है।
अब कागजात संबंधी जारी पक्रिया पूरी
कागजात से सम्बंधित प्रक्रिया पूरी होने और एग्रीमेंट होने के बाद अब बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से (कन्सेट टू ऑपरेट) सीटीओ जारी किए जाने का इंतजार किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा जैसे ही सीटीओ जारी कर दिया जाएगा, बालू खनन का काम शुरू हो जायेगा। बालू खनन शुरू होते ही राज्य में बालू की किल्लत खत्म होगी और निर्माण कार्य के लिए उचित मूल्य पर बालू की उप्लब्धता सुनिश्चत हो सकेगी। सूत्रों से मिली जानकारी में कहा गया है कि सभी 150 बालू घाटों की पर्यावरणीय स्वीकृति पहले से ही दी जा चुकी है।
मालूम हो कि सभी बालू घाटों की बंदोबस्ती बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड ने इ-नीलामी की प्रक्रिया से की है। जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि 100 अन्य बालू घाटों की बन्दोबस्ती के लिए इ-नीलामी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। गौरतलब है कि पिछले आठ महीनों से इन सभी आठ जिलों मे बालू घाटों का काम बंद है। बालू घाटों पर खनन का कार्य फिर से शुरू होने से बालू के मूल्य में गिरावट आएगी, जिससे मकान बनाने वाले लागों को सस्ते मूल्य पर मार्किट से बालू मिल सकेगा।
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