किशनगंज का यह इलाका बनेगा इंडस्ट्रियल एरिया, 2500 करोड़ खर्च कर लगेंगे 23 उद्योग-धंधे

बिहार की सरकार तेजी से राज्य में उद्योग-धंधे लगा रही है। अब बिहार के दार्जिलिंग के नाम से मशहूर किशनगंज जिले का ठाकुरगंज प्रखंड इंडस्ट्रियल एरिया बनने की दिशा में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। ठाकुरगंज में 108 करोड़ रुपए की लागत से गलगलिया इलाके में रीगल रिसोर्सेस प्राईवेट लिमिटेड के द्वारा हर दिन 300 टन मक्के से जर्म, ग्लोटिन, स्टार्च और फाइबर का उत्पादन किया जा रहा है। उत्पादन क्षमता 600 टन करने के लिए 67 करोड़ निवेश की जा रही है जिससे 500 लोगों को रोजगार मिल रहा है।

प्रदेश के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने उक्त बातें फ्लाई ऐश फैक्ट्री फिदरलाईट बिल्डकान प्रा. लिमिटेड के हॉल में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा। पत्रकारों से मुखातिब होने से पहले उद्योग मंत्री ने मक्के की रीगल रिसोर्सेस प्राईवेट लिमिटेड और फ्लाई ऐश ब्रिक्स की फिदरलाइट बिल्डकान प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का स्थलीय अवलोकन किया और उत्पादन की हर गतिविधियों को बारीकी से देखा।

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार का एकमात्र फैक्ट्री ठाकुरगंज में संचालित हो रहा है। तकरीबन 700 लोगों को रोजगार उपलब्ध इन दोनों इकाई के शुरू होने से हुआ है। इसके अलावा क्षेत्र में उद्योग मंत्रालय की ओर से अनमोल बिस्कुट फैक्ट्री निर्माण पर मुहर लगा दी गई है, इसके निर्माण में 173 करोड़ की लागत आएगी। युद्ध स्तर पर काम जारी है जो अगले वर्ष 2023 तक पूर्ण होगा।

900 लोगों को मिलेगा रोजगार 

मंत्री ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के हाथों प्लांट का उद्घाटन किया जाएगा। इससे प्रदेश के तकरीबन 900 लोगों को रोजगार मिलेगा। पहले से चार फैक्ट्री चल रहा है जिससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप में बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलता है। उद्योग मंत्री ने कहा कि किशनगंज जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ढाई हजार करोड़ खर्च कर उद्योग लगाने के लिए मंत्रालय के पास प्रस्ताव आया है। लेदर पार्क, प्रोसेसिंग प्लांट एवं एथेनॉल फैक्ट्री लगाने के लिए प्रस्ताव उन्हें मिला है।