बिहार के इन 20 शहरों को किया जाएगा विकसित, साथ मे होगा आसपास के गांवों का भी कायाकल्प

बक्सर, मोतिहारी, किशनगंज, कटिहार, हाजीपुर, औरंगाबाद समेत 20 शहरों का आयोजना क्षेत्र यानी प्लानिंग एरिया निर्धारित किया जा चुका है। इसमें शहर की सीमा के चारों ओर स्थित दर्जनों गांवों को भी जगह दिया गया है जिससे इसका आकार दस गुणा से भी अधिक बड़ा हो गया है। नगर विकास एवं आवास विभाग के पदाधिकारियों द्वारा एक अधिसूचना जारी करके इसकी जानकारी दी गई।

आयोजना क्षेत्र के निर्धारण के बाद चयनित शहरों का मास्टर-प्लान बना कर उस पर काम शुरू किया जाएगा। शहर तथा उसके आसपास के गाँवों को सुनियोजित तरीके से विकसित् करने के उद्देश्य से आयोजना क्षेत्र का निर्धारण किया गया है। भूमि का आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक व कृषि उपयोग तय किया जाएगा। दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर शहर के पास स्थित गांवों में सभी तरह की शहरी सुविधाएं मुहैया काराई जाएगी। इसके लिए पार्क, कालोनी, पेयजल आदि की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इन सबमे सबसे विशेष बात यह है कि आयोजना क्षेत्र में शामिल किए जाने के बाद भी शहरी नागरिकों की तरह कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं देना होगा।

बिंदुबार समझें

  • 10 गुणा तक बढ़ा दायरा शहरी क्षेत्र की तुलना में
  • 13 शहरों का पहले ही जारी हो चुका है प्लानिंग क्षेत्र
  • 11 अन्य शहरों के प्लानिंग क्षेत्र पर चल रहा है काम

गांवों में भी अब पास कराना होगा नक्शा

यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य है कि आयोजना क्षेत्र में शामिल ह गांवों में भी आवास निर्माण के लिए नक्शा पास कराना आवश्यक कर दिया गया है। इसके लिए जिला मुख्यालय में आयोजना क्षेत्र प्राधिकार का कार्यालय रहेगा। आयोजना क्षेत्र को विकसित किए जाने के लिए एक समिति भी बनाई जाएगी, जिसमें आयुक्त, डीएम, एसडीओ, कार्यपालक अभियंता समेत शहरी निकायों के कुछ जन-प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि अभी 44 शहरों के मास्टर-प्लान पर काम किया जा रहा है। इसके लिए ही इन शहरों का आयोजना क्षेत्र निर्धारित किया जा रहा है। इसके पहके 13 बड़े शहरों का आयोजना क्षेत्र निर्धारित करने का काम किया जा चुका है। इसमें पटना, गया, बोधगया, राजगीर, आरा, मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ, सहरसा, पूर्णिया, छपरा, दरभंगा, मुंगेर,जमालपुर और बेगूसराय शामिल हैं। पटना का मास्टर-प्लान तैयार करने का काम किया जा चुका है, जबकि अन्य शहरों में प्रक्रिया जारी है।

Manish Kumar