छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है और पटना जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियां तेज कर दी है। इस बार कई घाटों को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। पटना के 12 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है। जबकि कलेक्ट्रेट घाट पर जाने के लिए बांस घाट के तरफ से तैयार किये गये वैकल्पिक रास्ते का इस्तेमाल किया जा सकता है।
पटना जिला प्रशासन कई घाटों को लेकर असमंजस में रहे और उनके लिए कई घाटों को लेकर फैसला लेना बेहद मुश्किल रहा। गौरतलब है कि कलेक्ट्रेट और महेंद्रू घाट पर हर साल पटना की बड़ी आबादी छठ पूजा के अवसर पर अर्ध्य डालने के लिए पहुंचती है। इस बार गंगा का जलस्तर बाढ़ के दौरान काफी तेजी से बढ़ा। लेकिन अब पानी काफी घट चुका है और काफी दूर जा चुका है। दोनों घाटों को तैयार किया गया है लेकिन वहां तक पहुंच पाना इस बार किसी चुनौती से कम नहीं है।
कलेक्ट्रेट और महेंद्रू घाट जाना मुश्किल
दरअसल कलेक्ट्रेट और महेंद्रू घाट तक जाने वाले रास्ते में काफी दलदल है और यही मुश्किल है। इसलिए इसबार बांस घाट होकर जाने वाले रास्ते से ही कलेक्ट्रेट घाट जाना होगा। हालांकि प्रशासन की कोशिश है कि पीपा पुल के जरिये रास्ता तैयार की जाए, लेकिन ये शायद ही हो पाए। इस बार दीघा के आस-पास वाले घाटों पर ही भीड़ उमड़ने की अनुमान है। प्रशासन की तरफ से 12 घाटों को खतरनाक घोषित कर दिया गया है और व्रतियों से अपील की गयी है कि वो इन घाटों पर नहीं जाएं।
पटना के 4 घाटों पर खतरनाक दलदल
-कंटाही घाट
-टेढ़ी घाट
– मिरचई घाट
-महराज घाट
नाले के गंदे पानी के कारण घाट व्रत के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
-अदालत घाट
-मिश्री घाट
– टी एन बनर्जी घाट
– जजेज घाट
– अंटा घाट
– जहाज घाट
– बी एन कॉलेज घाट
– बांकीपुर घाट
source-prabhat kbabar