बिहार में नई सरकार के गठन के करीब 2 महीने से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो सका. लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1 या 2 दिन में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. इसके लिए मंथन का दौर लगभग खत्म हो चुका है. दोनों दलों के नेताओं ने विधायकों के नाम फाइनल कर लिए हैं जो मंत्री बनाए जा सकते हैं. सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी बुधवार शाम तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने कोटे के नए मंत्रियों के नामों की सूची सौंप सकती है.
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को केंद्र में भेजकर भाजपा बिहार में नई तरीके से राजनीति कर रही है. उन्होंने तार किशोर प्रसाद और बेतिया से विधायक रेनू देवी को उपमुख्यमंत्री बनाकर सीएम नीतीश कुमार को नया संदेश दे दिया है. इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी समाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की जुगत में है.
माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में जिन क्षेत्रों से अधिक विधायक जीत कर आए हैं उन क्षेत्रों की मंत्रिमंडल में अधिक भागीदारी देने की तैयारी चल रही है. वहीं इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में जातिगत समीकरण का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी क्षेत्रीय समीकरण के साथ-साथ सोशल इंजीनियरिंग का भी खासा ख्याल रख रही है.
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार जिन नामों के सबसे अधिक चर्चा है वह चौंकाने वाला है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का नाम आगे आ रहा है. इसके अलावा भागीरथी देवी, संजीव चौरसिया, संजय सरावगी, सम्राट चौधरी, कृष्ण कुमार, राणा रणधीर सिंह या प्रमोद कुमार में से एक नीतीश मिश्रा, संजय सिंह, रामप्रवेश राय, कृष्ण कुमार ऋषि के नाम प्रमुखता से सामने आए हैं.
भाजपा कोटे से यह बन सकते हैं मंत्री
सम्राट चौधरी, शाहनवाज हुसैन, कृष्ण कुमार ऋषि, भागीरथी देवी, संजय सरावगी, संजीव चौरसिया, नीतीश मिश्रा, संजय सिंह, रामप्रवेश राय, प्रमोद कुमार या राणा रणधीर
शाहनवाज हुसैन- शाहनवाज हुसैन पहले बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे उसके बाद उन्हें केंद्र की राजनीति से बिहार लाकर बिहार विधानसभा परिषद का सदस्य बनाया गया. भारतीय जनता पार्टी इन को मंत्री बनाकर सीमांचल और भागलपुर इलाके को एक साथ साधने की कोशिश में जुटी है. आपको बता दें कि शाहनवाज हुसैन भागलपुर से एमएलए का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन वह हार गए.
संजय सिंह– इस बार विधानसभा चुनाव में वैशाली के लालगंज विधानसभा से पहली बार जीत कर आए हैं. माना जा रहा है यह युवा है. इसलिए मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं.
नीतीश मिश्रा- मिथिलांचल में बड़ी जीत का फायदा इन्हें भी मिल सकता है यह पहले भी नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं इस बार झंझारपुर सीट से चुनाव जीत कर आए हैं.
संजीव चौरसिया-इनके नाम के भी चर्चा चल रही है यह वैश्य समाज से आते हैं इन्होंने पटना के दीघा सीट से जीत हासिल की है.
रामप्रवेश राय- यह पहले भी नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में रह चुके हैं इस बार सिवान के बरौली सीट से विधानसभा चुनाव जीत कर आए हैं.
प्रमोद कुमार या राणा रणधीर – राणा रणधीर पूर्वी चंपारण की मधुबन सीट से चुनाव जीते हैं वहीं प्रमोद कुमार मोतिहारी सीट से जीत कर आए हैं. दोनों पिछली बार भी नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री रह चुके हैं हालांकि इस बार दोनों में से किसी एक के नाम पर पार्टी मुहर लगा सकती है.
भागीरथी देवी– यह महादलित जाति से आती है मंत्रिमंडल में इन्हें शामिल करने की चर्चा जोरों पर है. यह रामनगर सुरक्षित सीट से पांचवीं बार विधायक बनी है.
सम्राट चौधरी– पूर्व में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में रह चुके हैं. वर्तमान में विधान बिहार विधान परिषद के सदस्य यह पिछड़ी जाति से आते हैं.
संजय सरावगी– वैश्य समाज से आते हैं इस बार में पार्टी ने मिथिलांचल में अच्छा प्रदर्शन किया उसका इनाम इनाम मिल सकता है संजय सरावगी दरभंगा से लगातार चौथी बार जीते हैं.
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