लोक आस्था का महापर्व छठ आज नहाए खाए के साथ शुरू हो चुका है। 4 दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार उत्तर भारत सहित नेपाल में भी मनाया जाता है। विदेशों में रहने वाले भारतीय अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की वजह से विदेशों में भी छठ महापर्व अवश्य मनाते हैं । बता दें कि नहाए खाए के साथ शुरू हुआ यह त्यौहार 11 नवंबर की सुबह को उगते सूर्य को जल देकर समाप्त होगा । छठ के पावन अवसर पर बिहार, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड में भी 10 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है ।
36 घंटे लंबा और निर्जला होता है व्रत

छठ महापर्व कार्तिक महीने में दिवाली के 6 दिन बाद शुरू होता है। मालूम हो कि यह त्योहार 36 घंटे लंबा और निर्जला होता है । इस त्यौहार में व्रतियां नहाए खाए के दिन कद्दू भात खाती है । इसके अगले दिन खरना का प्रसाद बनता है और पूजा होती है, तत्पश्चात तीसरे दिन डूबते सूर्य को जल चढ़ाया जाता है और अगली सुबह उगते सूरज को जल देकर व्रतियां अपना 36 घंटे का निर्जला उपवास तोड़ती है। मालूम हो, यह पर्व परिवार के सदस्यों की समृद्धि और भलाई के लिए की जाती है ।
छठ पर्व क्यो मनाया जाता है?

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार छठ पूजा की शुरुआत ऋग्वेद से हुई है। कहानियों के अनुसार प्राचीन काल में पांडवों ने भी अपने खोए हुए राज्य को वापस पाने के लिए छठ का व्रत किया था। यह भी मान्यता है कि इसकी सबसे पहले शुरुआत कर्ण के द्वारा की गई थी जो भगवान सूर्य और कुंती के पुत्र थे । महाभारत काल में कर्ण अंग देश के राजा थे वर्तमान में बिहार का भागलपुर है ।