दिव्यांग रंजीत पर चढ़ा बाबा का खुमार, बार-बार बेहोश होने के वावजूद हाथों के बल घसीट कर रहे कांवड यात्रा

देश के तमाम हिस्सों में इन दिनों कावड़ यात्रा (Kanwar Yatra) की धूम देखने को मिल रही है। लोग भारी तादाद में बाबा धाम के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे शिव भक्त दिव्यांग रंजीत नोनिया (Divyang Kanwaria Ranjit Noniya) के बारे में बताते हैं, जो अपनी कावड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022) के दौरान कई बार बेहोश हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी वह अपने शरीर को अपने हाथों के बल के सहारे खींचकर बाबा धाम जल चढ़ाने जा रहे हैं। उनकी आस्था और उनकी भक्ति को देखकर हर किसी का रोम-रोम बाबा भोलेनाथ की जयकार लगा रहा है।

कौन हैं भोलेबाबा के भक्त रंजीत नोनिया

कोलकाता के बालू घाट में रहने वाले रामेश्वर नोनिया के 40 साल के बेटे रंजीत नोनिया जन्म से ही दिव्यांग है। उनके दोनों पैर बेजान है और वह अपने पैरों के सहारे नहीं चल पाते। रंजीत नोनिया अपना जीवन हावड़ा स्टेशन पर पानी की बोतल बेचकर गुजारते हैं। रंजीत बाबा बैद्यनाथ धाम यानी देवघर की यात्रा पर बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए कावड़ यात्रा लेकर निकल पड़े हैं।

बाबा धाम पर निकले दिव्याग रंजीत नोनिया

पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद रंजीत की आस्था और उनकी भक्ति में कोई कमी नहीं है। वह अपने हाथों के बल से ही खुद को घसीटते हुए बाबा धाम की यात्रा पर चल पड़े हैं। बता दे यह पहली बार नहीं है जब वह गंगाजल लेकर बाबा दरबार जा रहे हो, बल्कि वह इससे पहले भी तीन बार बाबा भोलेनाथ की कावड़ यात्रा लेकर जा चुके हैं। सुल्तानगंज से 9 दिनों में वह करीब 70 किलोमीटर की यात्रा कर कटोरिया पहुंच गए हैं और आगे का सफर जारी है।

Story Of Divyang Kanwaria Ranjit Noniya

कांवड यात्रा के दौरान कई बार बेहोश हुए रंजीत

रंजीत की इस भक्ति और उनके इस कठिन संकल्प को आज हर कोई नमन कर रहा है। बता दे रंजीत अपनी इस कावड़ यात्रा के सफर में दो बार बेहोश भी हो गए थे। जमुआ मोड़ के निकट बेहोश होने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में रेफर कर दिया गया था, जहां प्राथमिक उपचार कराने के बाद वह अपने बाबा धाम की यात्रा पर चल पड़े थे। इसके बाद वह रजवाड़ा के निकट दूसरी बार बेहोश हो गए। इस दौरान भी दूसरे कांवड़ियों और स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की।

रंजीत नोनिया की शिव भक्ति देख आज हर कोई यही कामना कर रहा है कि बस उनका सफर आराम से गुजर जाए। बता दें शिवभक्त दिव्यांग रंजीत नोनिया का कहना है कि वह भोलेनाथ से अपने पिता के स्वस्थ होने की कामना करने और जल चढ़ाने जा रहे हैं।

Kavita Tiwari