देश और दुनिया में ‘बिहारी बाबू’ के नाम से सुप्रसिद्ध अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) अब पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद (TMC Shatrughan Sinha Win Asansol Seat) निर्वाचित हुए हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में टीएमसी (TMC) के टिकट पर लगभग तीन से ज्यादा मतों के बड़े मार्जिन से जीत हासिल कर पांचवी बार संसद (5th Time Shatrughan Sinha Become MP) में पहुंचे हैं। पिछले 4 वर्ष से संसद में उनके बुलंद आवाज की खामोशी अब विपक्षियों के चेहरे पर टूटेगी।
शत्रुघ्न सिन्हा ने आसनसोल में दर्ज की जीत
बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले शत्रुघ्न सिन्हा पिछले तीन दशक से राजनीतिक में हैं। भाजपा के साथ उनका काफी पुराना संबंध रहा है। भाजपा के टिकट से शत्रुघ्न सिन्हा दो बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा सांसद रहे हैं। जब अटल बिहारी वाजपेई की सरकार बनी थी तब और उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा जहाजरानी मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया।
जब 2019 में लोकसभा चुनाव हुआ तब उन्होंने भाजपा के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। शत्रुघ्न सिन्हा ने मोदी सरकार के विरुद्ध जमकर निशाना साधा। भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद वे कांग्रेस का दामन थाम लिए। चुनावी मैदान में शत्रुघ्न सिन्हा का सामना केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के विरुद्ध था, जब चुनावी नतीजे घोषित हुए और शत्रुघ्न सिन्हा को हार का मुंह देखना पड़ा। लगभग तीन साल तक कांग्रेस में रहने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। अब आसनसोल से सांसद बन गए हैं।
बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा ने राजनीति की शुरुआत साल 1993 में नई दिल्ली लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव से की थी। बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ने वाले बिहारी बाबू को कांग्रेस कैंडिडेट और मशहूर फिल्म एक्टर राजेश खन्ना ने लगभग 27000 मतों से पराजित कर दिया।
आसनसोल लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा को पटखनी देने के लिए चुनावी मैदान में भाजपा के दो बड़े नेताओं को आलाकमान ने तैनात किया था। चुनावी प्रचार के लिए पटना साहेब के सांसद रविशंकर प्रसाद और पाटलिपुत्र के सांसद रामकृपाल यादव की ड्यूटी लगाई गई थी।