बिहार सरकार ने बिहार के ग्रामीण क्षेत्रो की सूरत बदलने का फैसला लिया है। राज्य कैबिनेट की बैठक मे गाँवो में सुविधाएं विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि बिहार के 20 जिलों के ग्रामीण इलाकों में वे सभी सुविधाएं विकसित की जाएंगी जो आमतौर पर शहरों में होती है। बिहार सरकार द्वारा इन योजनाओं को धरातल पर लाने पर जहां बिहार का तेजी से शहरीकरण होगा तो वहीं बिहार के गाँवों की तस्वीर बदल जाएगी।
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार द्वारा इस सम्बन्ध में जानकारी दी गई, उन्होंने बताया कि 20 जिलों में शहरीकरण किए जाने के लिए मंजूरी दी गयी है। इस योजना के तहत शहरों से सटे ग्रामीण इलाकों में भी शहरी सुविधाएं विकसित की जाएगी, जिससे भविष्य में ग्रामीण इलाक़े भी मूल शहर का हिस्सा बन सकें।
इन 20 जिलों में होगा काम शुरू
गौरतलब है शहरों के विस्तारीकरण की योजना में शामिल होने की पात्रता रखने वाले जिले ही इस योजना का हिस्सा बनेंगे। जिन 20 जिलों को इसके लिए चयनित किया गया है उनमें शामिल है – बक्सर, किशनगंज, कटिहार, सासाराम, डेहरी, मोतिहारी, औरंगाबाद, हाजीपुर, जमुई, सीवान, बेतिया, बगहा, लखीसराय, खगड़िया, अररिया, फारबिसगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, शिवहर और भभुआ ।
बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने मीडिया से हुए बातचीत में बताया कि बिहार में शहरीकरण करने और ग्रामीण इलाक़ों की सूरत बदलने के लिए सरकार द्वारा एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जो बिहार के आत्मनिर्भर होने के लिए बेहद आवश्यक है। चयनित किए गए 20 जिलों को कैसे सुंदर बनाया जाए, इसके लिए सरकार द्वारा मास्टर प्लान के तहत चिन्हित किया जाएगा कि किस स्थान पर अस्पताल बने, कहां सड़क बने और कहां इंडस्ट्री लगानी है।
मंत्री ने यह भी बताया कि इसे मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा , जिससे ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदलने के काम की शुरुआत होने पर कोई समस्या ना आए। इस दौरान ग्रीन जोन का विशेष रूप से रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि IIT के सहयोग से मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा और उसके बाद ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।