आजकल सेकंड हैंड चीजों को खरीदना बेहद आम बात हो गई है। लोग कम बजट के साथ अच्छी कंडीशन में मिलने वाले पुराने वाहनों को खरीदना खासा पसंद करते हैं, लेकिन ऐसे में अक्सर उन्हें एक परेशानी का सामना करना पड़ता है, और ये परेशानी है आरसी ट्रांसफर (RC transfer) की। आरसी ट्रांसफर कराते समय उन्हें कई प्रकार की परेशानियों और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए आज हम आपको आसानी से आरसी ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया (RC transfer process) बताते हैं।
क्यों जरूरी है आरसी ट्रांसफर कराना (Registration Certificate Is Important)
बदलते दौर के साथ आज लोग ऑनलाइन लेन-देन करना खासा पसंद करते हैं। ऐसे में कई ऐसे प्लेटफार्म है जहां क्रेता और विक्रेता बिना किसी डीलर के इस प्लेटफार्म के जरिए आपस में गाड़ी का लेन-देन कर लेते हैं। ऐसे में पुराने वाहन को खरीदने के दौरान रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (Registration Certificate) यानी आरसी के लिए आवेदन करते समय उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
आरसी ट्रांसफर कराना बेहद जरूरी है, क्योंकि यदि हम किसी को बिना आरसी ट्रांसफर किए वाहन बेच देते हैं और यदि उस व्यक्ति से कोई एक्सीडेंट हो जाता है। तो ऐसे में वाहन का जो चालान काटता है उसका सारा खर्च उसके उस मालिक को देना पड़ता है, जिसके नाम पर वह वाहन दर्ज है। ऐसे में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि आरसी गाड़ी को बेचे जाने के साथ ही गाड़ी चालक के नाम पर ट्रांसफर कर दी जानी जरूरी है।
आरसी के बिना गाड़ी चलाना गैरकानूनी (Without RC car Driving Is illegal)
मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक सभी वाहन मालिकों के पास उनकी वैद्य आरसी का होना अनिवार्य है। बिना आरसी के सड़कों पर वाहन को चलाना मोटर वहीक्ल नियम के विरुद्ध है। आरसी को प्रत्येक 5 वर्षों में नवीनीकृत कराना यानी अपडेट कराना भी जरूरी है। बता दे आरसी अपडेट की प्रक्रिया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में आयोजित की जाती है। ऐसे में आप उसे अपडेट या बड़ी आसानी से आरसी ट्रांसफर कर सकते हैं।
कैसे करें आरसी ट्रांसफर (How to transfer Registration Certificate)
भारत में आरसी ट्रांसफर की प्रक्रिया को मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पहला राज्य के भीतर और दूसरा राज्य के बाहर… इस नियम के मद्देनजर यदि वाहन को राज्य की सीमाओं के भीतर ही खरीदा या बेचा गया है, तो ऐसे में राज्य के भीतर ही आप आरसी ट्रांसफर करवा सकते हैं। वहीं अगर एक राज्य से दूसरे राज्य में वाहन को बेचा जा रहा है, तो उस समय अंतरराज्यीय आरसी ट्रांसफर की जाती है।
आरसी ट्रांसफर के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय वाहन हस्तांतरण प्रक्रिया सबसे मुख्य संगठन है। इस संगठन से संपर्क के द्वारा कुछ भारतीय राज्य आरटीओ से संपर्क करने और वाहन हस्तांतरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए ऑनलाइन सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। इनका उपयोग कर आप ऑनलाइन भी आरसी ट्रांसफर कर सकते हैं।
अंतरराज्यीय आरसी के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- अंतरराज्यीय आरसी (वाहन हस्तांतरण) प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मालिक को विक्रेता को सक्रिय मोटर बीमा दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।
- आरटीओ से प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जहां वाहन मूल रूप से पंजीकृत था।
- फॉर्म 28
- कोई अपराध रिकॉर्ड प्रमाण पत्र नहीं
- रोड टैक्स की रसीद
इन सभी नियमों का पालन करते हुए और बातों को ध्यान में रखते हुए आप आरसी ट्रांसफर आसानी से करवा सकते हैं और ट्रांसफर में होने वाली परेशानी से बच सकते हैं।
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