बिहार में सिंगल यूज वाले प्लास्टिक उत्पादों के इस्तेमाल पर पूरी तरह बंद होगा। आम लोगों के लिए इस बार 1 जुलाई से पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं आम लोगों से पहले सरकारी कार्यालयों में प्रतिबंध को पूरी तरह लागू करने का आदेश दिया गया है। इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बिहार के सभी विभागों को गाइडलाइन जारी किया है। इसको देखते हुए भवन निर्माण विभाग द्वारा मुख्य सचिव के निर्देश को सौ फीसद पालन करने को कहा है।
सरकारी दफत्रों में प्लास्टिक उपयोग पर प्रतिबंध
मुख्य सचिव के आदेशानुसार सभी विभागों में इस पर रोक की कवायद शुरू हो गई है। पहले से ही एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक की खरीद सभी सरकारी दफ्तरों में नहीं हो सकेगा। मुख्य सचिव के पत्र के मुताबिक किसी भी सरकारी दफ्तर की मीटिंग में प्लास्टिक वाली बोतलों के पानी का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। बैठक में शीशा या धातु से निर्मित ग्लास रखने का निर्देश दिया गया है।
कर्मियों और आगंतुक अतिथियों को शुद्ध पेयजल मिले इसके लिए दफ्तरों में वाटर प्यूरीफायर लगाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही बैठकों में एल्डर के नाम से इस्तेमाल में लाए जाने वाले प्लास्टिक बैग पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसके जगह अब कागज से निर्मित फोल्डर का इस्तेमाल करना है। अगर बैग आवश्यक है तो कपड़े या जूट से बने बैग का उपयोग करना होगा।
आमिर सुबहानी ने कहा कि थर्माकोल या प्लास्टिक से निर्मित सिंगल यूज वाले पात्रों का इस्तेमाल पूरी तरह बंद होगा। सरकारी दफ्तरों में गुलदस्ते के जगह केवल फूल से स्वागत स्वागत कर करने की परंपरा को आगे बढ़ाया जाएगा। अगर गुलदस्ता देकर स्वागत करने के इच्छुक हैं, तो उसमें प्लास्टिक ना हो इसका ध्यान रखना होगा। साफ तौर पर मुख्य सचिव ने कहा कि सभी दफ्तर में कूड़े के लिए अलग व्यवस्था करनी चाहिए।