एक बार फिर से देशवासियों पर महंगाई की मार पड़ सकती है, ऐसा इसलिए कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता दिख रहा है जिससे ऐसे कयास लगाए लगाए जा रहे हैं कि देश में फिर से डीजल और पेट्रोल के दामों में इजाफा हो सकता है. पिछले एक पखवारे से देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई वृद्धि नहीं की गई है परंतु अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में तेजी आने के बाद घरेलू मार्केट में भी इसका असर पर सकता है.
पिछले सप्ताह की बात करें तो शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्ची तेल का दाम 75.31 प्रति बैरल तक पहुंच गए थे, हालांकि इस सप्ताह थोड़ी तेल के दामों में नर्मी दिख रही है लेकिन जानकारों का कहना है कि इस में आने वाले दिनों में इजाफा ही होगा। तेल कंपनियां की माने तो ऐसी परिस्थिति में मूल्यवृद्धि को ज्यादा दिनों तक टाला जाना संभव नहीं है। पिछले 10 दिनों में कच्चे तेल के दाम लगभग 3 डॉलर प्रति बैरल म महंगा हो चुका है। यह पिछले 6 हफ्तों मैं सबसे ज्यादा है। तेल कंपनियों का मानना है कि त्योहारी सीजन में तेल की मांग कोरोना के पहले समय वाले स्तर पर पहुंच जाएगा।
तेल के दाम मे गिरावट का दौर हुआ खत्म
सरकारी कंपनी के तरफ से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष 20 अगस्त तक कच्चे तेल के गिरावट का दौर था जो कि अब खत्म हो चुका है। इसके पीछे बहुत सारे कारण है, एक तो वैश्विक इकोनामी में तेजी है, अमेरिका के कच्चे तेल के भंडार में कमी की रिपोर्ट आने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसे मजबूती भी मिली है। देखा जाए तो समूचे एशिया, प्रशांत क्षेत्र, यूरोप तथा अमेरिका में पेट्रोलियम उत्पादों की काफी मांग बढ़ी है। कोरोना संकट के बाद पर्सनल गाड़ियों का प्रचलन भी बढ़ा है। इन सब के विपरीत वैश्विक बाजार में तेल की आपूर्ति की रफ्तार कम हुई है। सरकारी कंपनियों ने पिछली बार तेल व डीजल की कीमतों का संशोधन 5 सितंबर तक किया था। उस समय इन दोनों की कीमतों में 15-15 पैसे की कमी की गई थी.
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