मंगलवार को समाहरणालय में पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह की अगुवाई में कोचिंग संस्थान निबंधन समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में निबंधन नहीं कराए हुए 138 कोचिंग संस्थानों को बंद करने का तत्काल रुप से आदेश दिया गया है। अगर यह संस्थान आदेश के बावजूद भी खोले पाए जाते हैं, तो नियम के तहत 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने के साथ ही कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश डीएम ने दिया है। बैठक में जिलाधिकारी के साथ डीईओ अमित कुमार, जिला पदाधिकारी और समिति के सदस्य उपस्थित थे।
डीईओ ने बताया कि बिहार कोचिंग अधिनियम, 2010 के तहत निबंधन के लिए 609 एप्लीकेशन आए थे। इनमें से अधिनियम के तहत 287 कोचिंग संस्थानों का निबंधन किया गया। जांच के बाद एक सो जाना कोचिंग संस्थान ऐसे थे जो आयोग्य पाया गया, इसके बाद उन्हें तत्काल रुप से बंद करने का फरमान जारी किया गया।
138 कोचिंग संस्थानों पर लगेगा ताला
मंगलवार को हुई बैठक में है 411 आवेदन को सूचित किया गया जबकि 138 आवेदन ऐसे थे जो अस्वीकृत हुए। इन संस्थानों को अधिसूचना जारी करके तत्काल रुप से बंद करने का निर्देश दिया गया है। डीईओ ने बताया कि निबंधन के लिए 353 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसकी जांच अनुमंडलीय स्तर पर की जा रही है। डीएम ने दो सप्ताह के भीतर इसका जांच कर सके प्रतिवेदन देने को कहा है। डीएम ने संबंधित अफसरों को आदेश दिया कि कोचिंग संस्थान नियम का पालन करें। उन्होंने इससे संबंधित इंफॉर्मेशन जिला के एनआईसी वेबसाइट पर डालने को कहा।
बता दें कि पटना में लाखों प्रतियोगी छात्र विभिन्न परीक्षा की तैयारी करते हैं। पूरे राज्य भर के कोने-कोने से छात्र यहां रह कर अलग-अलग कोचिंग में क्लास करते हैं। पटना में शिक्षा का माहौल इस कदर है कि अभ्यर्थी गंगा के तट पर बैठकर सुबह के समय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते नजर आते हैं। ऐसे में डीएम का आदेश कोचिंग संस्थानों के साथ ही छात्रों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।