बिहार में सांसद और विधायक से बेअदबी नहीं कर सकेंगे अधिकारी; सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

बिहार में सांसदों, विधायकों व विधान पार्षदों का रुतबा अब बढ़ा रहेगा। अगर ऐसे जनप्रतिनिधि अधिकारियों को किसी कार्य के लिए पत्र लिखते हैं, तो अधिकारियों को पत्र प्राप्त होने की जानकारी के साथ-साथ उसका उत्तर भी समय पर देना होगा। इतना ही नहीं यदि इस श्रेणी के जन-प्रतिनिधि कोई सरकारी सूचना मौखिक रूप से मांगते हैं तो इस स्थिति में भी अति सामान्य सूचनाएं विनम्रतापूर्वक दी जा सकेंगी। सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा इस संबंध में सोमवार को एक निर्देश सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक, प्रमंडलीय आयुक्त तथा जिलाधिकारियों को जारी किया गया है।

विभागों व अधिकारियों को जो पत्र भेजे गए हैं, उसमें कई पुराने निर्देश का भी जिक्र किया गया है। पत्र में यह कहा गया है कि सरकारी कर्मियों व अधिकारियों को संसद सदस्यों तथा राज्य विधानमंडल के सदस्यों के साथ विनम्रता से पेश आना चाहिए और शिष्टपूर्ण बर्ताव करना चाहिए। बातों को धैर्यपूर्वक सुनकर उस पर ध्यानपूर्वक विचार करना चाहिए। किसी सदस्य के अनुरोध अथवा सुझाव को मानने में यदि अधिकारी असमर्थता दिखाना चाहते है तो यह भी विनम्रतापूर्वक स्पष्ट किया जाना चाहिए।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अधिकारियों को यह पत्र भेजा गया है, जिसमें इस बात को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि सांसद व राज्य विधानमंडल के सदस्य यदि अधिकारी से मिलने आते हैं तो उन्हें अन्य आगंतुक के स्थान पर प्राथमिकता देना होगा। अपने स्थान से उठकर उनका स्वागत करना है तथा उनके प्रति सम्मान दिखाते हुए उन्हें विदा करना है। सांसदों को सचिवों से ऊपर रखे जाने का प्रविधान है। अतः किसी राजकीय समारोह में आमंत्रित किए जाने हैं पर उनके बैठने की व्यवस्था राज्यपाल व मुख्य न्यायाधीश के तुरंत बाद करना है। राज्य विधानमंडल के सदस्यों का स्थान सांसदों के तुरंत बाद किया जाना है।

Manish Kumar