नोएडा शहर में 88 करोड़ रुपये की लागत से हाइटेक सिक्योरिटी सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इस हाइटेक सिस्टम में सीसीटीवी समेत तीन और खास तरीके के कैमरे लगाए जाएंगे। ये तीन खास कैमरे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरा, रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा और सर्विलांस कैमरे होंगे। इतना ही नहीं पूरे शहर में 84 रेड लाइट पर एक हजार से ज्यादा सीसीटीवी (CCTV) कैमरे भी लगाए जाएंगे।
बता दें कि ये सभी कैमरे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से कनेक्ट होंगे। इस कैमरे की सहायता से किसी भी भागते हुए अपराधी या फिर सड़क पर घूम रहे अपराधियों की निगरानी की जाएगी। कमांड सेंटर से नोएडा की सिविल और ट्रैफिक पुलिस को पल-पल की जानकारी प्राप्त होती रहेगी। नोएडा अथॉरिटी में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है, जिसके बाद इस पर काम शुरू किया जा चुका है।
ऐसे काम करेंगे तीन खास तरह के कैमरे
RLVD कैमरा-
रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा से वैसे लोगों की निगरानी की जाती है जो जो रेड लाइट जंप करते हैं। यह कैमरा ऐसे लोगों की इमेज कैप्चर करके वाहन के नंबर के आधार पर खुद ही चालान काट देता है। पहले चरण के कार्य में पूरे शहर के 84 चौराहे पर 1065 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। जबकि दूसरे चरण में 32 चौराहे पर और तीसरे चरण में बाकी बचे 32 चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना है।
ANPR कैमरा–
यह एक ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरा है. नोएडा अथॉरिटी के अफसरों ने बताया कि इसे शहर के करीब 693 पाइंट पर इस कैमरे को लगाए जाने की योजना है। यह कैमरा खुद से वाहनों की नंबर प्लेट पढ़कर चालान काट सकता है। कमांड कंट्रोल रूम में बैठे पुलिस अधिकारी इस कैमरे की मदद से सड़क पर नज़र रख सकते हैं और नियम का उल्लंघन करने वाले का चालान काट सकते हैं।
Surveillance कैमरा-
सर्विलांस कैमरा विशेष रूप से पुलिस की सहायता करेगा। शहर के 354 पाइंट पर इसे लगाया गया है। यह कैमरा वाहनों पर चलने वाले लोगों के चेहरों पर फोकस करेगा। इस कैमरे की खूबी यह है कि यह बेहद करीब से इंसान के चेहरे पर फोकस करता है। इस कैमरे से पुलिस आसानी से बदमाशों की पहचान कर सकेगी और उनकी गिरफ्तारी में सहायता मिलेगी।
अपनी टाइमिंग खुद सैट करेगी ग्रीन लाइट
इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को बेहद अहम् माना जाता है। यह कैमरा इस मायने मे खास है कि ट्रैफिक लाइट पर वाहनों की संख्या जब अधिक होती है तो ग्रीन लाइट का वक्त खुद से ही बढ़ जाता है, इससे ज़्यादा से ज़्यादा वाहनों को निकलने का मौका मिल सकेगा। जैसे ही वाहनों की संख्या कम हो जाएगी तो ग्रीन लाइट फिर से अपना टाइम बदल लेगी। प्रारम्भ में नोएडा के करीब 40 हैवी ट्रैफिक वाली रेड लाइट पर यह सिस्टम लगाया जाएगा।
सड़क पर चलते हुए आपको ऐसे मिलेगी रहेगी ट्रैफिक की जानकारी
आईटीएमएस के तहत नोएडा में 22 स्थानो पर वैरिएबल मैसेज साइनबोर्ड लगाने की योजना बनाई गई है यह बोर्ड इस मायने में खास है कि रास्ता बताने के साथ ही यह आपको शहर के ट्रैफिक की भी जानकारी मुहैया कराता रहता है जिससे कोई भी ट्रैफिक जाम में न फंसे। मान ले कि कहीं जाम की स्थिति बनी हुई है और ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया है या फिर कोहरे के चलते रास्ता साफ नहीं है तो इसकी सूचना इस बोर्ड पर स्वतः मिल जाएगी।
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