Who is Bobby Kinner: दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi MCD Election 2022) में लंबे संघर्ष के बाद फाइनली आम आदमी पार्टी ने अपने जीत दर्ज कर दी है। हालांकि इस पूरे दिल्ली नगर निगम चुनाव में सबका ध्यान एकलौती ट्रांसफर उम्मीदवार बॉबी किन्नर ने अपनी जीत का परचम लहरा खींच लिया है। बॉबी किन्नर आम आदमी पार्टी की सुल्तानपुर वार्ड नंबर 43 की प्रत्याशी है। दिल्ली के चुनावी मैदान में इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी किन्नर उम्मीदवार ने जीत दर्ज की हो। ऐसे में आइये हम आपको बताएं कि कौन है बॉबी किन्नर, जिनके चर्चे इस समय हर जगह सुर्खियां बटोर रहे हैं।
पहली ट्रांसजेंडर नेता बनी बॉबी किन्नर
राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी दल से किसी ट्रांसजेंडर प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा गया। इतना ही नहीं उस प्रत्याशी ने भारी मतों से अपनी जीत भी दर्ज की है। बता दे भाभी ने इससे पहले साल 2017 में निर्दलीय नगर निगम का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन इस दौरान उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। हालांकि इस बार उन्होंने अपनी जीत का परचम लहरा पहली किन्नर नेता का टाइटल अपने नाम कर लिया है।
कौन है बॉबी किन्नर?
एमसीडी चुनाव में अपनी जीत का परचम लहराने वाली बॉबी किन्नर के जीवन में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उनका जीवन बेहद संघर्षपूर्ण और परेशानियों से भरा रहा है। उनके जीवन की परेशानियों की शुरुआत उनके घर से हुई थी। जब उन्हें बचपन में 14-15 साल की उम्र में घर छोड़ना पड़ा था। इसके बाद उन्हें ट्रांसजेंडर समुदाय के एक गुरु ने अपना लिया। आज सुल्तानपुर मजारा के निवासी बॉबी को यहां के लोग प्यार से बॉबी डार्लिंग भी कहते हैं।
38 साल की बॉवी ने अपनी जीत के बाद एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि मैंने अपने जीवन में अपमान का बहुत सामना किया है, लेकिन मैंने कभी सपना देखना नहीं छोड़ा। मुझे हमेशा उम्मीद थी कि मेरे जैसे ट्रांसजेंडर लोगों को एक दिन समाज में सम्मान जरूर मिलेगा। मुझे पता है कि आज भी समाज में ट्रांसजेंडर को लोग हेय की दृष्टि से देखते हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ बदलाव होना बाकी है… यह पहला कदम है।
शादियों में नाच कार किया गुजर-बसर
बॉबी के जीवन का संघर्ष कई उतार-चढ़ाव से होकर गुजरा है। बॉबी ने बताया कि कभी अपने पेट को भरने और गुजर-बसर करने के लिए उन्होंने शादियों में डांस भी किया है। हालांकि बाद में वह एक सामाजिक कार्यकर्ता बन गई और अब उन्होंने राजनीति की राह को लोगों की सोच बदलने के लिए चुना है। अपने सफर को याद करते हुए बॉबी ने बताया कि जब मैं स्कूल में जाती थी, तब सब लोग मुझे परेशान करते थे। मेरे माता-पिता मुझसे प्यार करते थे, लेकिन वह भी समाज के दबाव में आ गए।
उन्होंने आगे कहा- जब मैं लगभग 14 साल की थी तब मुझे मेरे गुरु के पास भेज दिया गया और अब मैं इसी दुनिया का हिस्सा हूं। मेरे गुरु अब इस दुनिया का हिस्सा नहीं है, लेकिन उन्होंने मुझे रहने की जगह दी और मुझे प्यार भी दिया। मुझे अपने जैसे लोग मिले तो मुझे घर जैसा ही महसूस हुआ।
सुलतानपुर में हुआ बॉबी किन्नर का जन्म
बॉबी का जन्म और पालन-पोषण सुल्तानपुर इलाके में ही हुआ है। आज भी वह अपने परिवार के संपर्क में हैं। उनका कहना है कि मेरी मां ने मुझसे हमेशा प्यार किया है और अभी भी करती है। मेरा छोटा भाई है जो प्राइवेट नौकरी करता है। मेरे पिता एक छोटा ढाबा चलाया करते थे, लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं है। मेरी मां ने छोटे-मोटे काम करके हमारा पालन-पोषण किया था। मैं आज भी परिवार से मिलती हूं और अपने परिवार के साथ समय बिताती हूं।
बॉर्बी का कहना है कि आज वह एक एनजीओ के साथ जुड़ गई है और अब एक सामाजिक कार्यकर्ता और नेता बन गई है। उनका उद्देश्य वंचित बच्चों और ट्रांसजेंडर के लिए काम करना है। वह उन्हें उनके हितों और हकों के बारें में बताना एवं उन्हें उनके हक दिलाना चाहती है।
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