शनिवार को जदयू के राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से ललन सिंह को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। इससे पहले केन्द्र मे इस्पात मंत्री का पद संभाल रहे आरसीपी सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह मुंगेर संसदीय सीट से सांसद हैं, उन्हें भी सीएम नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता है। ललन सिंह को चुनाव प्रबंधन में भी महारत हासिल है।
दिल्ली मे जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने ललन सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा। पार्टी के सभी नेताओं ने इस पर अपनी सहमति दे दी और ललन सिंह पार्टी के नये अध्यक्ष बनाए गए। ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर सबसे पहले सीएम नीतीश कुमार ने उन्हे बधाई दी।
इस बैठक में मंच पर सीएम नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह, केसी त्यागी, ललन सिंह और वशिष्ठ नारायण सिंह मौजूद थे। बैठक आयोजित किये जाने से पूर्व ललन सिंह दिल्ली स्थित सीएम नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पर गए थे। इसके कुछ ही समय बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी सीएम नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद दोनों नेताओं को अपनी गाड़ी में बिठाकर दिल्ली के जंतर मंतर स्थित जदयू कार्यालय मे पहुंचे। बैठक शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए ललन सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा गय जिसे सर्वसम्मति से सभी सदस्यो ने मान लिया ।
अब पार्टी सोशल इंजीनियरिंग मे हुआ बैलेंस
देखा जाए तो सीएम नीतीश कुमार ने ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर जहां उन पर भरोसा जताया है तो वहीं पार्टी को लव कुश के दायरे से निकालकर अब सोशल इंजीनियरिंग पर भरोसा जताया है। राजनीति के जानकारो का कहना है कि वर्तमान अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह सीएम नीतीश के स्वजातीय कुर्मी बिरादरी के ही थे, जिस कारण नीतीश कुमार पर लव कुश को बढ़ावा देने का भी बराबर आरोप लगाया जाता था।
लेकिन अब नीतीश कुमार ने अब अपने ऊपर लगे इस आरोप को खरिज करते हुए एक सवर्ण चेहरे पर भरोसा जताया है और सोशल इंजीनियरिंग जातीय व सामाजिक समीकरण के लिहाज से ललन सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी है। एक तरफ जहां आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार कुर्मी जाति से है तो वही, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा कोइरी जाति से है। इस तरह कुल जदयू में लव-कुश का ही बोलबाला है। लेकिन ललन सिंह को अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने नया संदेश दिया है।
पहले स्वर्ण अध्यक्ष
पार्टी के 18 साल के इतिहास में ललन सिंह पहले ऐसे सवर्ण हैं जिन्हें अध्यक्ष का पद दिया गया है। इससे पहले के सभी तीनो अध्यक्ष OBC कैटेगरी के थे। अक्टूबर, 2003 को जदयू की स्थापना की गई थी, शरद यादव इसके पहले अध्यक्ष थे, जो 2004 से 2016 तक लगातार इस पद पर बने रहे। उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू के अध्यक्ष बने और नीतीश कुमार के बाद आरसीपी सिंह। ललन सिंह पार्टी के चौथे अध्यक्ष हैं।वे बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा कि सामजिक समीकरण को साधने के लिए ललन सिंह का चुनाव अध्यक्ष पद के लिये किया गया है।
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