जब गुरु के कुटिया में रहकर प्रभु श्री राम और कृष्ण ने शिक्षा हासिल की थी । तब गुरुकुल में आम हो या खास सभी को एक समान शिक्षा मिलता था। राजा का पुत्र हो या रंक का पुत्र सभी को एक दृष्टिकोण से शिक्षा दी जाती थी। आज के समय में ना कुटिया की परंपरा रही ना उस तरह का कहीं व्यवस्था है। लेकिन बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी के किनारा का दृश्य कुछ ऐसा ही है। यहां कुटिया और गुरुजी तो नहीं है लेकिन गंगा के तट पर प्रतियोगी छात्रों का हुजूम अपने भविष्य संवारने के लिए जुटा रहता है।
छात्रों का डेरा बना पटना का गंगा घाट
रोजाना प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र यहां इकट्ठा होकर सेट प्रैक्टिस मारते हैं। गंगा नदी के किनारे सीढ़ियों पर बैठकर सैकड़ों छात्र अपनी तैयारी में लगे रहते हैं। एक-दूसरे की मदद से वे अलग-अलग क्वेश्चन सॉल्व करते हैं। सुबह के 6 बजे से ही दारोगा, रेलवे, एसएससी की तैयारी करने वाले प्रतियोगी छात्रों का भीड़ इकट्ठा होने लगता है। 11 बजे तक यह छात्र पूरी तन्मयता के साथ परीक्षा की तैयारी करते रहते हैं, यह देख कर दूसरे लोग भी प्रभावित हो जाते हैं।
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र राजधानी के मुसल्लहपुर, भीखनापहाड़ी, बाजार समिति, गायघाट, खजांची रोड, नया टोला इलाके में रहते हैं। सप्ताह के हर शनिवार और रविवार के दिन सैकड़ों छात्र पटना लॉ कॉलेज घाट, कालीघाट, कदम घाट की सीढ़ियों पर बैठकर सेट प्रैक्टिस करते हैं।
यहां एसएससी और रेलवे के पदों के लिए तैयारी कर रहे छात्रों की सबसे ज्यादा संख्या है। यहां बैठकर तैयारी कर रहे हैं निक्की बताते हैं कि वर्तमान में रेलवे भर्ती बोर्ड और एसएससी के द्वारा कई पदों के लिए रिक्तियां निकाली गई है। इसलिए रोजाना सेट प्रैक्टिस हम कर रहे हैं। बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आने वाले दिनों में इंटर लेवल के परीक्षा का आयोजन होना है।