इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क (Indo Nepal Border Road) निर्माण का कार्य तेजी से पूरा करने की कवायद शुरू है। रिपोर्ट के मुताबिक यह माना जा रहा है कि इंडो नेपाल बॉर्डर सड़क (Indo Nepal Border Road Project) का निर्माण कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। मालूम हो कि इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क के निर्माण कार्य से दोनों देशों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। साथ ही इसका फायदा बिहार के 7 जिलों (Indo Nepal Border Road route In Bihar) को सीधे तौर पर मिलेगा। इसके अलावा इस सड़क निर्माण कार्य से नेपाल से सटे अन्य पड़ोसी राज्यों को भी इसका फायदा होगा।
इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क के आवागमन होगा आसान
गौरतलब है कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा इंडो नेपाल बॉर्डर सड़क परियोजना का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। अभी करीबन 375 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य किया जाना है। बिहार में यह सड़क पश्चिमी चंपारण में मदनपुर से शुरू होकर पूर्वी चंपारण के रक्सौल, सीतामढ़ी के बैरगनिया सोनबर्षा होते हुए मधुबनी जिले के जयनगर, सुपौल के वीरपुर, अररिया के सकटी और किशनगंज के गलगलिया से होकर गुजरेगी।
729 किलोमीटर लंबी इंडो नेपाल बॉर्डर सड़क 177 किलोमीटर पहले से ही राष्ट्रीय उच्च पथ 104 का हिस्सा है। बाकी शेष 552 किलोमीटर का निर्माण कार्य किया जा रहा था, जिसमें से करीबन 178 किलोमीटर में निर्माण पूरा हो गया है। साथ ही 374 किलोमीटर लंबाई में इस सड़क का निर्माण कार्य फिलहाल चल रहा है। इस पूरी सड़क को बनाने में करीबन 30 मीटर चौड़ाई में भू अर्जन किया गया है, जिस पर सड़क का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
सुगम सफर के साथ समय की होगी बचत
सूत्रों के मुताबिक पहले नरपतगंज से भरगामा जाने के लिए लोगों को करीबन 50 किलोमीटर की दूरी तय कर फारबिसगंज होते हुए भरगामा जाना पड़ता था, लेकिन इस सड़क के बन जाने के कारण यह दूरी कम हो जाएगी जिसका फायदा यहां की चार लाख की आबादी को सीधे तौर पर मिलेगा और आवागमन भी आसान हो जाएगा।
इसके साथ ही इस सड़क का फायदा सीधे तौर पर सुपौल मधेपुरा और पूर्णिया जिले को भी होगा। यहां लोगों के लिए आवागमन आसान हो जाएगा और ऐसा इसलिए क्योंकि किशनगंज जिले में करीब 80 किलोमीटर लंबाई में सड़क का निर्माण कार्य होना है, जिसमें से करीब 35 किलोमीटर का पक्की कारण कार्य अब तक पूरा हो चुका है जिसके जरिए इन जिले के लोगों को आवाजाही में सहूलियत मिलेगी।