cसी अब तक आपने पटरी पर दौड़ती मेट्रो देखी होगी, लेकिन अब आप जल्द ही पानी पर चलने वाली मेट्रो भी देखेंगे, जिसका नाम वाटर मेट्रो रखा गया है। अगर नाम सुनकर ही आपको अजीब लग रहा है ,तो सोचिए आपके लिए इसका सफर कर पाना कितना दिलचस्प होगा। बता दें यह मेट्रो जमीन या पटरी पर नहीं, बल्कि पानी पर दौड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अप्रैल को कोच्चि में पानी पर चलने वाली इस वॉटर मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। बता दे इस स्पेशल मेट्रो के लिए 38 टर्मिनल भी बनाए गए हैं और कुल 78 वोट एक साथ तैयार की गई है। यह पूरा प्रोजेक्ट 1136.83 करोड रुपए की लागत का है।
25 अप्रैल से पानी में दौड़ेगी देश की पहली वॉटर मेट्रो
देश की पहली वाटर मेट्रो का प्रोजेक्ट बेहद खूबसूरत और लाजवाब है। करोड़ों की लागत से बने इस वाटर मेट्रो की सवारी पर्यटकों के लिए प्रकृति के सौंदर्य के साथ-साथ रोमांच से भी भरी होगी। वाटर मेट्रो को लेकर लोगों के जेहन में कई अलग-अलग तरह के सवाल है। ऐसे में आइए हम आपको वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट के बारे में सब कुछ डिटेल में बताते हैं और साथ ही बताते हैं कि यह कब और कहां से रोजाना चलने वाली है?
क्या है वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट?
इस वाटर मेट्रो की सबसे खास बात यह है कि यह देश की पहली वॉटर मेट्रो है। केरल की कमर्शियल राजधानी कहे जाने वाले कोच्चि शहर में इस वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। यह कोच्चि और उसके आसपास के 10 द्वीपों को आपस में जोड़ती है। इसके लिए कुल 78 इलेक्ट्रिक वोट्स और 38 टर्मिनल तैयार किए गए हैं। प्रोजेक्ट की कुल लागत 1136.83 करोड रुपए की है। अगर आप इससे सफर करना चाहते हैं तो बता दें कि यह रोजाना सुबह 7:00 बजे से शुरू होगी और रात को 8:00 बजे तक चलती रहेगी। पीक आवर्स में यह मेट्रो हर 15 मिनट में आपको मिलेगी।
क्या है वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट को शुरू करने का उद्देश्य
बता दे दक्षिणी राज्य केरल में लगातार बढ़ते प्रदूषण और भीड़ को देखते हुए इन पर लगाम लगाने के लिए वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। इस प्रोजेक्ट के जरिए ना सिर्फ शहर में गाड़ियों के आवागमन की रफ्तार कम होगी, बल्कि इसके साथ ही पॉल्यूशन भी कम हो जाएगा और साथ ही ट्रैफिक कंट्रोल में भी मदद मिलेगी। जल परिवहन रेल सड़क परिवहन की तुलना में बेहतर और एनर्जी एफिशिएंट माना जाता है।
गौरतलब है कि वाटर मेट्रो के जरिए हर दिन 1 लाख से ज्यादा लोग इसकी सुविधा का लाभ उठाकर सफर कर सकते हैं। बतादे कोची वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट को शुरू करने का सरकार का मकसद राइडिंगशिप को बढ़ाने और आधुनिक एनर्जी एफिशिएंसी के साथ-साथ प्रदूषण से मुक्ति दिलाना है।
क्या होगा वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट का रूट
बात वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट के रूट की करें तो बता दें कि यह 15 रूट्स पर इलेक्ट्रिक बोर्ड चलाई जा रही है। इसके जरिए 10 आईलैंड आपस में जुड़ेंगे। यह रूट 78 किलोमीटर के दायरे में आपस में कनेक्टेड होगा। लोग एक सिरे से दूसरे सिरे तक बिना किसी परेशानी और बिना किसी ट्रैफिक में फंसे बड़े आराम से पहुंच सकते हैं। इससे ना सिर्फ उनके समय में बचत होगी, बल्कि उन्हें प्रकृति के सौंदर्य का भी मजा मिलेगा। बता दे वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट का फायदा सबसे ज्यादा स्थानीय लोगों को मिलेगा। उनके लिए आवागमन आसान हो जाएगा और साथ ही उनका वेबसाइट दायरा भी बढ़ जाएगा।
एक बार में कितने यात्री कर सकते हैं सफर
बता दे वाटर मेट्रो में एक बार में 50 से 100 लोग एक साथ यात्रा कर सकते हैं। दरअसल यात्री सेवा के लिए 78 इको फ्रेंडली वोट्स चलाई गई है। इनमें से 23 बोट्स ऐसी है जिनमें 100 यात्री सफर कर सकते हैं और बाकी की 55 बोट्स ऐसी है, जिनमें 50 से 55 की संख्या में ही लोग सफर कर सकते हैं। इन पैसेंजर वोट्स के अलावा आपातकालीन स्थिति में मुख्य बेड़े के ऑप्शन में चार और वोट्स रखी गई है।
- Panchayat Sachiv Kaise Bane: बनना चाहते हैं पंचायत सचिव, तो जाने कैसे मिलती है यह नौकरी और क्या होती है सैलरी? - May 20, 2024
- हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक का लुक लुट लेगा दिल, जाने कब होगी भारत में लॉन्च? खत्म कर देगा सब का बाजार ! - February 11, 2024
- Akshara Singh के इस हरकत पर आग- बबूला हुए उनके पिता, देखते ही कर दी सरेआम पिटाई; देखें Video - February 11, 2024