बिहार में पुरानी, खराब और दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों को कबाड़ में नष्ट करने के लिए जल्द ही स्क्रैप सेंटर यानी कबाड़ केन्द्र (Scrap Centers) खोले जाएंगे। जानकारी के मुताबिक इस मामले की जानकारी खुद राज्य के परिवहन विभाग (Transport Department) द्वारा साझा की गई है। इस जानकारी में बताया गया है कि सरकार की ओर से राज्य में स्क्रैप सेंटर खोलने (Scrap Centers Open In Bihar) की इजाजत दे दी गई है, जिसके मुताबिक राज्य के कुल 15 जिलों में भी सब सेंटर खोले जाएंगे। इस कड़ी में विभाग ने बताया कि सबसे अधिक स्क्रैप सेंटर बिहार की राजधानी पटना (Scrap Center In Patna) में खुल जाएंगे।
पटना में खुलेंगे सबसे अधिक स्क्रैप सेंटर
इस कड़ी में विभाग की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक पटना में सबसे अधिक 5 स्टेप सेंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा वैशाली में तीन आवेदकों को स्क्रैप सेंटर खोलने की परमिशन दी गई है। साथ ही राज्य के बाकी 12 जिलों में भी 11 आवेदक को स्क्रैप सेंटर खोलने की परमिशन विभाग की ओर से मिली है।
किन जिलों में खोले जाएंगे स्क्रैप सेंटर
इन नए स्क्रैप सेंटर को खोलने के लिए सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी व्यक्तिगत तौर पर या फर्म सोसायटी एड्रेस के जरिए इन कबाड़ सेंटर को खोल सकता है। बस इसके लिए यह जरूरी है कि आवेदककर्ता केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से इसे खोलने से पहले इसकी इजाजत ले लें। बोर्ड की टीम सेंटर का दौरा करेगी और पूरे मानकों को पर सही पाए जाने के बाद अधिकृत लाइसेंस आवेदक को जारी किया जाएगा। कबाड़ केंद्र खोलने के लिए स्थाई खाता संख्या और जीएसटी निबंधन रजिस्ट्रेशन नंबर का होना अनिवार्य है। साथ ही कबाड़ केंद्र के यार्ड में हर जगह सीसीटीवी कैमरे का लगाया जाना भी जरूरी है।
स्क्रैप सेंटर यानी कबाड़ केंद्र खोलने के लिए जरूरी बातें
- जारी गाइडलाइन के मुताबिक नष्ट की जाने वाली गाड़ियों का रिकॉर्ड 3 महीने तक रखना होगा।
- इसके साथ ही इस डाटा को सरकार को भी मुहैया कराना होगा।
- सरकार की ओर से अधिकतम 10 साल के लिए सेंटर का लाइसेंस आवेदक को जारी किया जाएगा। इसके बाद इसके नवीनीकरण के लिए दोबारा अप्लाई करना होगा।
- छोटे वाहनों के लिए खोले जाने वाले इस कबाड़ केंद्र में न्यूनतम 4000 वर्ग फीट और बड़े वाहनों के लिए खोले जाने वाले इस कबाड़ केंद्र के लिए 8000 वर्ग फीट की जगह होनी जरूरी है।
- इसके साथ ही कबाड़ केंद्र खोलने वाले आवेदक से 1 लाक का निबंधन शुल्क और 10 लाख रुपये की बैंक गारंटी भी ली जाएगी। साथ ही जो गाड़ियां सड़क पर चलने लायक नहीं है, तो उसे कबाड़ केंद्र में ही नष्ट किया जाएगा।
- इसके साथ ही इन कबाड़ केंद्रों पर कोई भी जाकर गाड़ी को नष्ट ना करवा लें, इस बात के लिए भी खास इंतजाम किए जाएंगे।
सरकार रखेगी इन बातों का ख्याल
- इस बात का खास तौर पर ख्याल रखा जायेगा कि जिस भी गाड़ी को कबाड़ केंद्र के अंतर्गत नष्ट किया जाएगा, उसका पूरा डाटा रखा जाएगा।
- खुद वाहन मालिक अगर गाड़ी को नष्ट करवाना चाहता हो, तो वह कबाड़ केंद्र में जाकर खुद गाड़ी को सभी जरूरी दस्तावेज दिखा कर नष्ट करवा सकता है।
- इस दौरान गाड़ी को तब तक नष्ट नहीं किया जाएगा जब तक उसका इंधन, तेल, एंटीफ्रीज, गैस और तरल पदार्थ आदि को नहीं निकाल दिया जाएगा।
- खास बात यह है कि जितने मूल्य की गाड़ियों को नष्ट किया जाएगा उसी श्रेणी की गाड़ी खरीदने पर सरकार की ओर से टैक्स पर छूट भी मिलेगी।
किसी भी गाड़ी को नष्ट करने से पहले उसकी बारीकी से जांच की जाएगी, कि वास्तव में गाड़ी का मालिक सही है या नहीं। इसके लिए ऑनर बुक, आधार कार्ड से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों तक की भी मदद ली जाएगी।
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