Good News: अब सिनेमाघर में सस्ता मिलेगा पॉपकॉन-बर्गर, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

GST Council Reduce Food Tax in Cinema Hall: जीएसटी काउंसलिंग यानी वस्तु एवं सेवा कर परिषद की ओर से मंगलवार को बड़ी घोषणा की गई। इस दौरान जीएसटी काउंसलिंग ने अपनी 50वीं बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दे दी, जिसमें से एक प्रस्ताव सिनेमा हॉल में सर्व किए जाने वाले फूड पर टैक्स कटौती से जुड़ा हुआ था। इसके अलावा जीएसटी काउंसलिंग ने कुछ जीवन रक्षक दवाओं के आयात पर भी छूट देने के फैसले को मंजूरी दे दी है। जीएसटी काउंसलिंग की 50वीं बैठक में लिया गया यह फैसला लोगों के हित के लिए लिया गया है।

टैक्स में हुई 23% की कटौती

गौरतलब है कि राज्य के वित्त मंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में सिनेमा हॉल में सर्व किए जाने वाले फूड पर लगने वाले 18% और 28% के टैक्स को घटाकर केवल 5% का टैक्स करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा और भी कई फैसलों पर काउंसलिंग की ओर से मंजूरी दी गई है।

सिनेमा हॉल में फूड पर लगेगा 5% टैक्स

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा की ओर से जीएसटी काउंसलिंग की 50वीं बैठक को लेकर बड़ी अपडेट साझा की गई। इस दौरान संजय मल्होत्रा ने बताया कि जीएसटी परिषद द्वारा आज यह स्पष्ट किया गया है कि सिनेमा हॉल में सर्व किए जाने वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ पर अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगी। बता दे पहले यह 18 से 28% तक लगती थी।

इसके अलावा मीडिया से बातचीत करते हुए पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि परिषद ने कई दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली जीवन रक्षक दवाओं से कैंसर की दवा डिनुटुक्सिमैब और फूड फॉर स्पेशल मेडिकल पर्पज (एफएसएमपी) के आयात पर जीएसटी से छूट को मंजूरी दे दी है।

ऑनलाइन गेमिंग की कमाई पर बढ़ेगा टैक्स

इसके साथ ही यह भी बता दें कि परिषद की ओर से ऑनलाइन गेमिंग जैसे कसीनो और घुड़दौड़ पर अब तगड़ा टैक्स लगेगा। इस टैक्स की सीमा 28% तक करने के फैसले को मंजूरी दी गई है और यह कर पूर्ण रूप से अंकित मूल्य पर लगाया जाएगा। इस दौरान उन्होंने बातचीत में इस बात का भी खुलासा किया कि- काउंसलिग की ओर से ये फैसला किया है कि ऑनलाइन गेमिंग अंकित मूल्य पर प्रवेश प्रतिशत का टैक्स लगाया जाएगा।

दूसरी ओर महाराष्ट्र राज्य के मंत्री सुधीर मुनीर का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर लगाए जाने वाले घर में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। यह सभी पर समान श्रेणी में लगेगा। गेम के लिए कौशल की आवश्यकता होती है और वे मौके पर आधारित होता है। ऐसे में इसे सभी गेम इन कंपनियों पर समान आधार पर लगाया जाएगा।

Kavita Tiwari