असम में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजद और उनके कार्यकर्ता काफी उत्साहित दिख रहे हैं। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, असम में लगातार कई बार रैली कर रहे हैं। खास बात तो यह है कि उनकी सभाओं में लोगों की काफी भीड़ उमड़ती हुई दिखाई पड़ रही है। रैली मे तेजस्वी का साथ देने के लए के बड़े भाई तेजप्रताप में भी। तेजप्रताप ने भी कई सभाओं में हिस्सा लिया और ट्विटर पे तस्वीरे शेयर की|अगर सीटों के समीकरण को देखें तो राजद केवल एक सीट पर लड़ रही है। राजद जिस सीट पर अपना उमीदवार खड़े की है वो है तिनसुकिया। असम का एक जिला है तिनसुकिया। यह सीट डिब्रूगढ़ लोकसभा के अधीन है। इस क्षेत्र को अप्पर आसाम भी कहा जाता है।
तिनसुकिया सीट का इतिहास
राजनीतिक पंडितों की माने तो इस इलाक़े को मिनी बिहार भी कहा जा सकता है। एक वक़्त था जब यहा पर बिहारी और उत्तर प्रदेश के लोग काफी बड़ी संख्या में यहाँ रहते थे लेकिन उल्फा के आतंक के दौर में यहां से छोड़कर वह लोग चले गए। लेकिन इसके बावजूद भी राजनीतिक पंडितों के हिसाब से यहां तकरीबन 10 फीसदी हिंदी भाषा के वोटर रहते हैं।
आरजेडी को यह उम्मीद है कि यही 10 फ़ीसदी वोटर उनके पक्ष में वोटिंग कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि तेजस्वी की रैलियों को देखा जाए तो पता चलेगा की उनकी रैलियो में केवल हिंदी भाषा के नहीं बल्कि आसामी भाषा के लोग भी काफी जोर-शोर से हिस्सा ले रहे हैं। गौर करने वाली बात ये भी है की जिन तस्वीरो को तेजस्वी और तेजप्रताप ट्विटर पे साझा कर रहे हैं वो रैलिया कॉंग्रेस उमीदवार के पक्ष मे हैं। अगर बात करे कांग्रेस पार्टी की तो असम में कांग्रेस का अच्छा खासा वोट शेयर है। पाँच वर्ष पहले असम मे कॉंग्रेस की ही सरकार थी।
कौन कितने सीटो लड़ रहे चुनाव
अगर असम विधानसभा की बात करें तो यहां पर कुल 1३७ सीटें हैं जिसमें से आरजेडी को केवल एक ही सीट पर चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया है। राजद की ओऱ से उम्मीदवारी हीरा देवी को दी गई हैं जो की तिनसुकिया सीट से लड़ेंगी| इनका सामना बीजेपी के संजय किशन से है। खास बात तो यह है कि इस सीट पर जेडीयू ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। उनके तरफ से आलोक राय सीट पर उनके उम्मीदवार हैं। जेडीयू ने कूल ३७ लोगो को टिकेट दिया हैं|
ऐसा है राजनीतिक विशेषज्ञ का आंकलन
बात करे तिनसुकिया विधानसभा सीट की तो यहां पर 27 मार्च को ही पहले दौर में ही चुनाव संपन्न हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां पर बीजेपी के मौजूदा विधायक संजोय किशन का सीधा सामना राजद की हीरा देवी चौधरी और लोजपा के शमशेर सिंह से है। इतिहास को खंगाला जाए तो हमें पता चलेगा कि असम के चुनावों में चाय के मजदूर बहुत ही निर्णायक भूमिका निभाते हैं और भाजपा के प्रत्याशी की चाय मजदूरों में काफी अच्छी पकड़ है। तो यह देखना दिलचस्प होगा की यहाँ के वोटर किस पार्टी के साथ जाते हैं|
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