बिहार के लाल रितिक ने डेफ ओलंपिक में बनाई जगह, बैडमिंटन में दिखाएंगे टीम इंडिया का जलवा

बिहार के वैशाली (Vaishali) के हाजीपुर (Hajipur) के सुभई गांव निवासी प्रमोद भगत ने न सिर्फ पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा, बल्कि उनकी इस कामयाबी के बाद उन्हें पद्मश्री पुरस्कार (Pramod Bhagat Awarded Padma Shri Award) से भी सम्मानित किया गया। वहीं अब हाजीपुर का नाम एक बार फिर सुर्खियों में छाया हुआ है। हाजीपुर के रहने वाले रितिक (Deaf Olympic Player Ritik Kumar) ने बिहार का नाम रोशन करते हुए एक नया परचम लहराया है। 1 मई से 15 मई तक होने वाले ओलंपिक खेल में अपनी जगह बनाई है। रितिक की इस कामयाबी (Ritik Anand Kumar Success Story) पर उनके घर और आस पड़ोस में हर जगह खुशी की लहर है।

Deaf Olympic Player Ritik Kumar

रितिक ने किया बिहार का नाम रोशन

हाजीपुर शहर में रितिक के पिता एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। उन्हें अपने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व है। उन्होंने बताया कि रितिक को बचपन से ही बैडमिंटन खेलने का बेहद शौक रहा है। बचपन से रितिक ने बैडमिंटन की बारीकियों को सीखने की अपनी जिद को अपनी मेहनत के दम पर हासिल किया और आज उनकी कामयाबी का यह सफर शुरू हुआ है।

shuttlecock on badminton racket.

रितिक के पिता ने बताया कि एसोसिएशन दिल्ली में ऑल इंडिया ओपन ट्रायल किया था, जिसमें देश के कई राज्यों के सैकड़ों खिलाड़ियों का ट्रायल हुआ था। इसमें 4 लड़कों और 4 लड़कियों का चयन हुआ। बता दें इससे पहले 2019 में हुए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 2 सिल्वर मेडल भी रितिक आनंद अपने नाम कर चुके हैं।

जीत की जोरदार तैयारी में जुटे रितिक

रितिक आनंद कुमार फिलहाल दिल्ली में है और ओलंपिक के लिए कड़ी तैयारी कर रहे हैं। यह तो साफ है कि कम संसाधनों के बावजूद भी वैशाली के रितिक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और ये काबिले तारीफ है। रितिक ने अपनी मेहनत और अपनी काबिलियत के दम पर बिहार का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है।

Kavita Tiwari