लगभग एक साल पूर्व दरभंगा एयरपोर्ट पर उड़ान सेवा की शुरुआत की गई थी। पिछले साल 8 नवंबर के ही दिन यहां से उड़ान सेवा की शुरु की गई थी। महज एक साल मे इसने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की है। जबकि यहाँ पूरी सुविधाएं भी बहाल नहीं की गई है। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत देश में दरभंगा सहित 63 शहरों में एयरपोर्ट खोले गए थे। इन 63 एयरपोर्ट्स में यात्रियों के आवागमन के मामले में दरभंगा हवाई अड्डा लगातार नंबर वन पर बना हुआ है।
बिहार में हवाई सेवा की अद्भुत संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार ने बिहार को एविएशन मैप पर लाने की योजना बनाई है। दरभंगा एयरपोर्ट की सफलता को देखते हुए पटना और गया के अरिरिक्त अन्य छोटे शहरों में भी हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
दरभंगा एयरपोर्ट ने कमाई के मामले में भी सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए नंबर वन स्थान हासिल कर लिया है।
मोदी सरकार ने रीज़नल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत देश में 63 नए एयरपोर्ट खोले हैं। पिछले 11 महीने में दरभंगा एयरपोर्ट से लगभग 4.60 लाख यात्रियों ने टेक ऑफ और लैंड किया है। इस एयरपोर्ट से रोजाना 2000 से 2200 यात्री सफर करते हैं। उत्तर बिहार के 18 जिलों और नेपाल के यात्रियों को इस एयरपोर्ट से काफी सुविधा हुई है।
पीएम मोदी का गिफ्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दरभंगा को एयरपोर्ट का तोहफा दिया था। इस एयरपोर्ट के विकास के लिए ज़मीन अधिग्रहण की सारी रुकावट भी खत्म हो गई है। इस योजना के तहत नीतीश कैबिनेट ने 336 करोड़, 76 लाख रुपये की राशि को मंजूरी दी है। इस राशि से इससे 78 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इससे पहले 31 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने का प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन फिर इसे बढ़ा दिया गया। इसके विस्तार के बाद कुहासे में भी हवाई जहाज उतर सकेंगे। अब दरभंगा एयरपोर्ट से पूरे साल हवाई जहाज का आना-जाना हो सकेगा। वर्तमान में दरभंगा एयरपोर्ट से अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई के लिए उड़ान सेवा उपलब्ध है। भविष्य में यहाँ नाइट लैंडिंग समेत कई सुविधाएं होंगी, जैसे किसी भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर होती हैं। यह उत्तर बिहार विशेष रूप से मिथिला की विमानन सुविधा में मील का पत्थर साबित होगा।
केंद्र की दिलचस्पी
जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर बिहार के 5 एयरपोर्ट्स को डेवलप करने के लिए सहयोग करने का अनुरोध किया था। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा नीतीश कुमार को पत्र लिखें गए थे, जिसमें दरभंगा एयरपोर्ट का भी उल्लेख था। फिलहाल एयरफोर्स की 22 एकड़ भूमि पर ही एयरपोर्ट का संचालन हो रहा है। इस जमीन को पांच वर्ष के लिए लीज पर लिया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी और रक्षा मंत्रालय से इस एयरपोर्ट से एक दिन में 20 विमानों के लैंड और टेक ऑफ की अनुमति प्राप्त है। अभी यहां से हर दिन 10 से 12 विमान उड़ान भरते हैं। दरभंगा एयरपोर्ट से दुबई के लिए भी कनेक्टिंग फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध हो गई है।
मिथिलांचल का कारोबार बढ़ा
एयरपोर्ट शुरू होने से मिथिलांचल के कारोबार मे इजाफा हुआ है और सुख समृद्धि बढ़ी है। इस बार कार्गो विमान से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद के लोगों ने मिथिलांचल की शाही लीची का स्वाद चखा। बेंगलुरु का धनिया पत्ता यहां अपनी खुशबू बिखेर रहा है। इस साल यहाँ से 36 टन लीची कई शहरों में भेजी गई। कार्गो के जरिये यहां हर रोज़ तीन से चार टन धनिया की आपूर्ति की जा रही है। यहां का प्रसिद्ध मखाना, मछली और पान को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे जाने की योजना है। राज्य में एविएशन सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं। मिथिलांचल के यात्रियों को भी इससे बड़ी उम्मीदें हैं।
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