बिहार वासियों की समस्याओं को सुनने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार लगाते हैं। दरबार में मुख्यमंत्री जनता से सीधे मुखातिब होते हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री जनता दरबार में जनता की समस्याओं से रूबरू हो रहे थे इसी दौरान एक बार फिर वे गुस्से में आ गए। इससे पहले भी जनता दरबार कार्यक्रम में आला अधिकारियों पर मुख्यमंत्री नीतीश भड़के थे। लेकिन कल जो हुआ उससे साफ पता चलता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता की समस्याओं को लेकर कितने चिंतित है।
सीएम नीतीश जनता दरबार में जनता की समस्याएं सुन रहे थे इसी बीच उन्हें कई बार गुस्सा आया फिर मंत्रियों और अधिकारियों पर भड़क गए। जनता की समस्याएं सुनने के दौरान सीएम ने कई बार मंत्रियों और अधिकारियों को डायरेक्ट फोन लगाकर शिकायत का निवारण करने का आदेश दिया। दरबार में शिक्षा विभाग से संबंधित तमाम समस्याएं सुनने के बाद सीएम नीतीश भौंचक रह गए। एक छात्र ने उनसे शिकायत की कि उसका नाम लिस्ट में शामिल नहीं है लेकिन दो बार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल चुका है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री को सीधा फोन लगा दिया और मामले की जांच करने का निर्देश दिया।
एक और शिकायत सुनने के बाद सीएम नीतीश गुस्से में आ गए। एक छात्र ने बताया कि उसका एडमिशन राजकीय आईटीआई इंस्टिट्यूट में हुआ है परंतु वहां एक भी टीचर नहीं है। इसके बाद सीएम दंग रह गए और गुस्से में अफसरों को फोन लगाकर मामले पर जानकारी मांगी है। सीएम के सामने मुख्य रूप से इस बार स्वास्थ्य, समाज कल्याण विभाग व शिक्षा विभाग से जुड़े मामले आए। अन्य विभागों से जुड़े मामले को अगले सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश सुनेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष जनता दरबार में अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पहले ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीयन करवाना पड़ता है।
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