अब हाइवे पर जितना होगा सफर उतना ही कटेगा टोल, नए नंबर प्लेट से होगा सारा काम

new toll tax in india : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सरकार के साल 2024 के प्लान को लेकर सदन में कुछ अहम बातें की। इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 2024 से पहले देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेस-वे (26 Green Expressway In India) तैयार हो जाएंगे, जिसके साथ ही भारत सड़कों के मामले में अमेरिका के बराबर हो जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में टोल टैक्स वसूलने की प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर भी कई बदलाव होंगे। उन्होंने कहा अब टोल (Toll Tax) ना चुकाने वालों पर सजा का प्रावधान नहीं, बल्कि टोल के संबंध में एक विधेयक लाने की तैयारी चल रही है।

बदल जायेंगे टोल टैक्स वसूलने के नियम

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टोल वसूलने के मामले में जानकारी साझा करते हुए बताया कि सरकार इस मुद्दे पर दो विकल्प के मद्देनजर विचार कर रही है । पहला विकल्प की कारों में जीपीएस प्रणाली की शुरुआत की जाए, जबकि दूसरा विकल्प आधुनिक नंबर प्लेट से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में नए नंबर प्लेट पर जोर दिया जा रहा है और आने वाले एक महीने में इन दोनों में से कोई एक विकल्प चुने जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद टोल बूथ पर लगने वाली लंबी लाइन से निजात मिलेगी।

सड़कों के मामले में अमेरिका की बराबरी कर रहा भारत

गौरतलब है कि नितिन गडकरी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान टोल से संबंधित पूछे गए सवालों पर यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि साल 2024 से पहले देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेस-वे शुरू कर दिए जाएंगे। इनकी शुरुआत से सड़कों के मामले में भारत अमेरिका के बराबर हो जाएगा और सड़कों के निर्माण के साथ ही कई शहरों के बीच की कनेक्टिविटी बढ़ेगी और दूरी भी कम हो जाएगी।

वित्तीय संकट से नहीं गुजर रहा NHAI

नीतीन गड़करी ने बताया- मौजूदा समय में अगर कोई व्यक्ति टोल रोड पर 10 किलोमीटर की दूरी भी तय करता है तो उसे 75 किलोमीटर का टोल टैक्स चुकाना पड़ता है, लेकिन नई व्यवस्था में उतनी दूरी का ही शुल्क लिया जाएगा जितनी दूरी तय की गई होगी। साथ ही उन्होंने इस बात से इनकार किया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई वित्तीय संकट से गुजर रहा है। नितिन गडकरी ने कहा कि एनएचएआई की हालत बिल्कुल ठीक है और उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है। इतना ही नहीं पिछले दिनों दो बैंकों ने कम दर पर ऋण देने की पेशकश भी एनएचएआई के आगे रखी थी।

Kavita Tiwari