सूुझबूझ और माहिर रणनीति के लिए जाने जाते हैं CDS बिपिन रावत, पीढियों से परिवार सेना मे दे रहा सेवा

ऊटी के पास हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में जनरल बिपिन रावत समेत उनकी पत्नी भी सवार थे, आज ऊटी के पास वायु सेना का एम आई-17 सीरीज हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। जनरल का पूरा कैरियर काफी शानदार रहा है, वह काफी बहादुर और असाधारण सैन्य अधिकारी रहे हैं। इसको आप इस बात से भी समझ सकते हैं कि जब देश का पहला सेना प्रमुख यानी के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया गया तो उन्हें ही इस पद पर नियुक्त किया गया। इससे इनकी काबिलियत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

CDS बिपिन रावत

इससे पहले 31 दिसंबर 2019 तक वे थल सेना के सेनाध्यक्ष के रूप में काम किया, जैसे ही वे रिटायर हुए उन्हें अगले दिन ही देश के प्रमुख रक्षा प्रमुख बना दिया गया। ये 31 दिसंबर 2016 से लेकर 31 दिसंबर 2019 तक थल सेना के अध्यक्ष के रूप में कार्य किए।

CDS बिपिन रावत

जनरल बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के चौहान परिवार में हुआ था, उनके पिता भी सेना में ही जुड़े हुए थे, दरअसल रावत जी का परिवार के परंपरा ही सेना में जाने की रही है। उन्होंने 11वीं  गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने कैरियर का प्रारम्भ किया था।

CDS बिपिन रावत

बिपिन रावत की पढ़ाई की बात करें तो देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से हुई है। इसके बाद वह आगे उन्होंने मफिल भी किया और पीएचडी की डिग्री भी ली। 2011 में उन्हें मीडिया सामरिक अध्ययन पर अनुसंधान करने के लिए पीएचडी की डिग्री मिली

CDS बिपिन रावत

उन्होंने अपने लंबे करियर में कई तरह के सैन्य अभियानों का कार्यान्वित किया। संयुक्त राष्ट्र संघ के कई मिशन में भी इन्होंने अहम किरदार निभाया। हर बार वे अपने बहादुरी और समझदारी से अपनी रणनीति का लोहा मनवाया। इन्हीं  वजहों के कारण इन्हे तरक्की मिलती गई।

Manish Kumar