कभी लोग नदियों के पानी को पेयजल के रूप में उपयोग में लाते थे। लेकिन तब ऐसा मज़बूरी में किया जाता था। लेकिन तकनीकी विकास और सरकार के प्रयासो के फलस्वरूप अब कई जिलों के गुणवत्ता प्रभावित इलाके में नदियों के पानी को बेहतर सेहत के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को राज्य के गुणवत्ता प्रभावित इलाको मे में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गंगा सहित अन्य नदियों और झीलो के पानी का उपयोग पेयजल के रूप में किया जाएगा। इससे सम्बंधित कई योजनाओ को पूरा किया जा चुका है। मुंगेर के का खड़गपुर झील के पानी से एक बड़े इलाके की पेयजल की आवश्यकता पूरी की जा रही है। इस झील के जल से खैरा बहुग्रामीय योजना तैयार की गई है।
फ्लोराइड प्रभावित घरों में पहुंच रहा है शुद्ध पेयजल
वैसे इलाके जो फ्लोराइड से हैं, ऐसे 2240 घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। गंगा नदी के जल का उपयोग करके कई बहुग्रामीय योजनाएं पूरी की रही हैं। बक्सर, मनेर, मौजमपुर, विदुपुर, बेगूसराय एवं सुल्तानगंज में सरकार की इन योजनाओं से आम लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। पनचाने नदी के जल से सिलाव एवं फुलबरिया डैम के सहारे नवादा जिला के रजौली में पेयजल की आवश्यकता पूरी की जा रही है। लोक स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इन योजनाओं से 1379 वार्डों में स्वच्छ पेयजल की जरूरत को पूरा किया जा रहा है।
क्या है गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र, 29 जिलों में अशुद्ध है पानी
जहां के पानी मे फ्लोराइड, आर्सेनिक और आयरन की अधिक मात्रा होती है, उसे पेयजल गुणवत्ता प्रभावित श्रेणी मे शामिल किया गया है। बिहार के 38 जिले में से 29 जिले के पेयजल कमोवेश गुणवत्ता प्रभावित होने की समस्या से ग्रसित है। कुछ जिलों के पेयजल तो ऐसे है जिसमें ये तीनों खतरनाक तत्व मौजूद हैं। ऐसे ही क्षेत्रों में शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण पेयजल आपूर्ति के लिए लोक स्वास्थ्य विभाग की सेवा बहाल् की गई है। बोरिंग के अलावा नदियों और झीलों के पानी की सप्लाई इन क्षेत्रो में की जा रही है।
इन जिलों में है ये परेशानी
रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, बांका एवं भागलपुर इलाके मे पेयजल मे फ्लोराइड की काफी मात्रा पाई गई। बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सीतामढ़ी, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, खगडिय़ा एवं कटिहार के पेयजल में आर्सेनिक की मात्रा पाई गई है, जबकि जिन जिलों के पानी मे आयरन बहुतायत मात्रा मे है, उनमे बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, दरभंगा, मुंगेर एवं भागलपुर शामिल हैं।
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