बिहार: इन 18 जिलों के बच्चे को सिखायी जाएगी तैराकी, हर पंचायत में मास्टर ट्रेनर होंगे नियुक्त

बिहार के नदियों में डूबने से मौत के मामले को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। सरकार अब राज्य के बच्चों को तैराकी सिखाएगी। प्रदेश के बच्चे तैराकी सीखकर अपना जलवा राज्य स्तर पर दिखाएंगे। सब कुछ सही रहता है तो वह बहुत जल्द इस अभियान की शुरुआत होगी। राज्य की नदियों से सटे 5 किलोमीटर के एरिया वाले ग्रामीण लोगों को तैराकी सिखाया जाएगा।

इन जिलों के नाम हैं शामिल 

बता दें कि प्रदेश के 18 जिले ऐसे हैं जहां नदियों में डूबने से मौत अधिकतर मामले सामने आ रहे हैं, सरकार वृहद पैमाने पर अभियान चलाएगी। तैराकी सिखाने का प्लान बिहार राज्य प्रबंधन प्राधिकरण ने बना लिया है। सूबे के 18 जिलों में अभियान चलाने की तैयारी है। प्रदेश के पटना, समस्तीपुर, शिवहर, मधेपुरा, किशनगंज, नालंदा, कटिहार, पटना, रोहतास, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय, लखीसराय, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, सारण, खगड़िया, अरवल और गया में अभियान चलाया जाना है।

बिहार: इन 18 जिलों के बच्चे को सिखायी जाएगी तैराकी

आपदा प्रबंधन विभाग के सहयोग से बिहार आज आपका प्रबंधन प्राधिकरण ने रिपोर्ट तैयार कर लिया है। रिपोर्ट कहता है कि राज्य के 18 जिलों में पिछले 4 सालों में नदी में 1140 लोग डूब के मरे हैं। तैराकी नहीं आने की वजह से ज्यादातर लोगों की मृत्यु हो गई है। आगरा के मुताबिक मरने वाले में सबसे ज्यादा बच्चे, युवा और किशोर शामिल है। लड़कों से अधिक लड़कियों की मौत हुई है। बीते 6 मई को प्राधिकरण द्वारा जिले के अंचलाधिकारी और संबंधित पंचायतों के ग्राम प्रधानों के साथ बातचीत की।

बिहार: इन 18 जिलों के बच्चे को सिखायी जाएगी तैराकी

हर पंचायत में मास्टर ट्रेनर होंगे नियुक्त

बता दें कि जिन इलाकों में अधिक मौतें डूबने से हुई है, वहां तैराकी लोगों को सिखाया जाएगा। मास्टर ट्रेनर हर पंचायत में नियुक्त किया जाएगा। राज्य स्तर पर उनकी प्रतिभा को सम्मान देते हुए उन्हें प्रशिक्षित सरकार करेगी। बच्चों को डूबने से बचा सके इसके लिए विशेष तौर पर युवाओं को तैराकी के गुर सिखाए जाएंगे। मालूम हो कि समय-समय पर प्राधिकरण के द्वारा अभियान तो चलाया गया है लेकिन इस साल वृहद पैमाने पर इसे चलाया जाएगा।