यहां बन रहा है बिहार का दूसरा तारामंडल, 164 करोड़ की लागत से होगा तैयार, देखें तस्वीरें

बिहार (Bihar) में लगातार हो रहे ढांचागत निर्माण से बिहार की तस्वीर (Growing Bihar) बदल रही है। इस कड़ी में पटना के बाद अब बिहार का दूसरा तारामंडल दरभंगा के मिथिलांचल (Darbhanga Planetarium) में बन रहा है। दरभंगा में बिहार सरकार (Bihar Government) के द्वारा तैयार किया जा रहा यह तारामंडल 80% तक लगभग पूरा (Darbhanga Planetarium Update) हो गया है। इसके काम की रफ्तार को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह मई से जून तक बनकर तैयार हो सकता है। बता दे यह तारामंडल दरभंगा के मिथिला क्षेत्र के लिए रोजगार की दृष्टि (Employment In Darbhanga Planetarium) से भी वरदान साबित हो सकता है।

Darbhanga Planetarium

ये होगा बिहार का दूसरा तारामंडल

गौरतलब है कि छात्रों के लिए बनाए जा रहे इस तारामंडल में तारों से जुड़ी जानकारी व ज्ञान को बारीकी से छात्रों को समझाया जाएगा। साथ ही यहां पर इसके खुल जाने से रोजगार का भी बड़े स्तर पर सृजन होगा। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इसे 31 मई से दर्शकों के लिए खोला जा सकता है।

Darbhanga Planetarium
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164 करोड की लागत से हो रहा निर्माण

बता दे बिहार सरकार एवं विज्ञापन व प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस तारामंडल को बनाने में 164 करोड रुपए की लागत खर्च की गई है, जिसे 2 फेस में विभाजित करते हुए लगाया गया है। इसमें 73 करोड़ 73 लाख 60 हजार 331 रूपये की लागत का खर्चा पहले फेज में तारा मंडल सह विज्ञान संग्रहालय की ओर से निर्माण कार्य में लगाया गया था। वही 3:30 एकड़ रकबे में इसका निर्माण दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज की जमीन पर किया जा रहा है।

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बता दें इस तारामंडल का निर्माण कार्य 12 सितंबर 2019 से शुरू हुआ था और इसे 11 जून 2021 तक पूरा किया जाना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते इसके निर्माण कार्य में देरी हो गई। वहीं अब यह संभावना जताई जा रही है कि यह इस साल के मई या जून महीने तक पूरी तरह से बनकर तैयार हो सकता है।

Darbhanga Planetarium
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तारामंडल परिसर में 150 सीटों के प्लैटिनम और 300 सीटों के ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। साथ ही इसमें एक विज्ञान संग्रहालय, ऑडिटोरियम और विज्ञान की गतिविधियों से जुड़ी रिसर्च के लिए अलग-अलग भवन हॉल भी बनाए जाएंगे। बता दें इसकी छत पर पाथ-वे बनाया जाएगा और रूफ गार्डन के साथ इसे प्राकृतिक सौंदर्य से जोड़ा जाएगा ,जहां लोग बैठकर उसका लुत्फ उठा सकते हैं।

Kavita Tiwari